जनसत्ता 30 मई, 2014 : भाजपा संसदीय दल का नेता चुने जाने की औपचारिकता के बाद मोदी ने संसद के केंद्रीय हाल से संबोधन में अपनी सरकार को गरीबों, युवाओं और स्त्रियों को समर्पित करार दिया। कॉरपोरेट जगत और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के चहेते ‘चायवाले’ के लिए इस दिखावे को अधिक दिनों तक निभाना टेढ़ी खीर ही होगी। गरीबों को लेकर मोदी का नवउदारवादी ट्रैक रिकार्ड सर्वाधिक संदेहास्पद रहा है।...
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राजस्थान में 'म' से मोदी पढ़ाने की तैयारी
जागरण संवाददाता, जयपुर। राजस्थान सरकार सरकारी स्कूलों के पाठ्यक्रम में भाजपा के पीएम पद के प्रत्याशी नरेंद्र मोदी का जीवन परिचय शामिल करने पर विचार कर रही है। जून में होने वाले विधानसभा के बजट सत्र के दौरान यह घोषणा हो सकती है। शिक्षामंत्री कालीचरण सर्राफ ने इस मामले में रिपोर्ट देने के लिए एक टीम गठित की है। जानकारी के मुताबिक, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कुछ...
More »मोदी के गुजरात मॉडल का 'गड़बड़झाला'- ज्यां द्रेज
राजनीतिक गहमागहमी में देश जब मतदान-केंद्रों की तरफ बढ़ चला है तो ठोस तथ्यों और तर्कों से होने वाले जांच-परख की एक तरह से विदाई हो रही है. और इन पर हावी हो रहा है जन-संपर्क उद्योग का प्रचार-अभियान. पहला है नरेंद्र मोदी के व्यक्तित्व पर चढाया जा रहा रंग-रोगन ताकि वो लोगों की नजर में चढ़ जाए. अधिनायकवादी चरित्र और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रतिक्रियावादी मूल्यों में अंदर तक धंसे...
More »अर्थनीति के दो छोर पर- एक के वेणु
जिस भाजपा की उत्तर भारत में लहर बताई जा रही है, उसके चुनावी घोषणापत्र में इतनी देरी की वजह समझ में नहीं आ रही। वरिष्ठ भाजपा नेता बलवीर पुंज ने इस गंभीर मामले को हल्के में निपटाते हुए कहा है कि मोदी अपने भाषणों में जो कुछ कह रहे हैं, उन्हें ही भाजपा का घोषणापत्र मान लिया जाना चाहिए। तो क्या मोदी के उद्गारों से अलग जाकर पार्टी को घोषणापत्र नहीं...
More »भारत का 'चुप्पा' विकास जो किसी को नहीं दिखा
उस वक्त को गुजरे ज़्यादा दिन नहीं हुए जब भारत के सबसे ग़रीब ज़िलों में बुनियादी सुविधाएं बहुत कम और विरल थीं. ज़्यादातर लोग अपने हालात के भरोसे थे. इनमें से कुछ लोगों को भरे-पूरे प्राकृतिक वातावरण का संग-साथ हासिल था और शायद उनकी जिन्दगी में वह आज़ादी और उत्साह भी था जो आज खो गया है. लेकिन अन्य बहुत से लोग भूख, असुरक्षा और शोषण के साये में रहते थे...
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