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बिहार के मक्का किसानों का दर्द- हम नहीं चाहते कि हमारे बच्चे भी किसानी करें, क्योंकि इसमें किसी तरह का फायदा नहीं है

-गांव कनेक्शन,  "संसार में जो भी निर्माता है, अपनी वस्तुओं का मूल्य निर्धारण वो खुद करते हैं, तो आखिर किसानों की फसल का मूल्य निर्धारण करने वाले वे (सरकार) कौन होते हैं, इसका अधिकार मुझे क्यों नहीं मिला अभी तक।" न्यूनतम समर्थन मूल्य के प्रति अपना गुस्सा जाहिर करते हुए मधेपुरा ज़िला (बिहार) के रामपुर गांव के किसान जगदेव पंडित कहते हैं कि फसलों की सही कीमत न मिल पाने के...

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किसानों से ज्यादा निजी कंपनियों को फायदा पहुंचाने वाले मोदी सरकार के हालिया कृषि अध्यादेश

-कारवां, उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले के टोला गांव के रामसेवक चार बीघे के किसान हैं. हाल ही में नरेन्द्र मोदी सरकार द्वारा अध्यादेश लाकर किए गए खेती से संबंधित पुराने कानून में संशोधन और दो नए कानूनों का जिक्र करते हुए वह कहते हैं, "हम कानून-आनून नईं जानत, जो कछू जानत हैं, वो इत्तो कि हमाये खेत, हमाई मेहनत, हम का बोएं, का पैदा करें, कोऊ दूसरो कैसे बता सकत!" ठेका...

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किसान हित या खेती का कॉरपोरेटाइजेशन

-आउटलुक, केंद्र सरकार ने हाल में किसानों के उत्पादों की मार्केटिंग के लिए आर्थिक उदारीकरण की दिशा में तीन बड़े सुधार किए हैं। इनमें दो सुधारों के लिए पांच जून को राष्ट्रपति ने अध्यादेश जारी किए, क्योंकि इन फैसलों को कानूनी शक्ल देने के लिए सरकार संसद के सत्र का इंतजार नहीं करना चाहती थी। ये अध्यादेश हैं फार्मर्स प्रोड्यूस ट्रेड ऐंड कॉमर्स (प्रमोशन ऐंड फैसिलिटेशन) ऑर्डिनेंस, 2020 और फार्मर्स (एम्पावरमेंट...

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पहले खेती करतीं हैं, फिर उस फसल की प्रोसेसिंग घर पर कर मार्केटिंग भी करतीं हैं यह किसान!

-द बेटर इंडिया, इस बात में कोई दो राय नहीं हैं कि भारत के कृषि क्षेत्र में महिलाएं, पुरुषों से अधिक काम करतीं हैं। फिर भी हमारे यहाँ किसान शब्द को सदैव पुरुषों से ही जोड़ा गया है। लेकिन अब तस्वीर बदलने लगी है और सदियों से पुरुष-प्रधान रहे इस क्षेत्र में महिला किसान अपने हुनर से एक अनोखी और अनूठी पहचान बना रही हैं। सबसे अच्छी बात यह है कि अब...

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एक नहीं, कई देशों के लिए खतरा बन चुके हैं ये टिड्डी दल

-डाउन टू अर्थ, अकेली टिड्डी खतरनाक नहीं होती। लेकिन जब वे समूह में आ जाते हैं तब उनका व्यवहार आश्चर्यजनिक रूप से परिवर्तित हो जाता है। व्यवहार में यह बदलाव और समूह में रहने की प्रवृत्ति को ग्रेगराइजेशन कहा जाता है। समूह में वे एक साथ उड़ते हैं और फसलों पर हमला करते हैं। 2019 में में कहर बरपाने वाले रेगिस्तानी टिड्डी दल की उत्पत्ति 2018-2019 के सर्दियों के दौरान यमन...

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