आज विश्व जल दिवस है। हर साल यह दिन 22 मार्च को स्वच्छ पानी के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ाने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मनाया जाता है। इस बार जल दिवस की विषय-वस्तु है, पेय जल की गुणवत्ता। पानी के महत्व का अहसास प्यास लगने पर ही होता है। पानी का कोई विकल्प नहीं है। इसकी एक-एक बूंद अमृत है। विश्वास करें, अगर अमृत है, तो यही है। अत:...
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संसद होगी ग्रीन
नई दिल्ली। संसद भवन की बेहद खूबसूरत और ऐतिहासिक इमारत को पर्यावरण प्रदूषण के बढ़ते खतरे से बचाने के लिए प्रकृति अनुकूल यानी ग्रीन स्वरूप प्रदान करने की प्रक्रिया के तहत सौर ऊर्जा से उसे रौशन करने और परिसर में बैटरी चालित वाहन योजना शुरू करने पर विचार हो रहा है। लोकसभा सचिवालय के सूत्रों ने बताया कि लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार इस ऐतिहासिक इमारत के खूबसूरत वास्तुशिल्प तथा इसके रखरखाव को लेकर बेहद संवेदनशील...
More »सरकारी कागजों में स्लम का अकाल
अगर कोई पूछे कि मुंबई महानगर में झोपड़ बस्तियों को हटाने की दिशा में जो काम हो रहा है, उसका क्या असर पड़ा है तो इस सवाल का एक जवाब ये भी हो सकता है- आने वाले दिनों में झोपड़ बस्तियों की संख्या बढ़ सकती है. मुंबई महानगर का कानून है कि जो बस्ती लोगों के रहने लायक नहीं है, उसे स्लम घोषित किया जाए और वहां बस्ती सुधार की योजनाओं...
More »निजी नलकूपों ने लगाया भूजल स्तर को ग्रहण
भोपाल। गर्मी के आते ही शहर में पानी की किल्लत शुरू हो गई है और नगर निगम मुख्यालय में अधिकारी अभी जल संकट से निपटने की योजना भी नहीं बना पाए हैं। करोद जैसी घनी आबादी में पानी की खरीदी बिक्री का खेल शुरू हो गया है। शहर में बढ़ते नलकूपों के खनन ने भूजल स्तर को ऐसा ग्रहण लगाया है कि कई बस्तियों में पानी के लिए हाहाकार की स्थिति बन रही है। जानकारी...
More »महिला जनप्रतिनिधियों का काम संभालते हैं उनके पति
ग्रेटर नोएडा। देश भले ही नारी सशक्तिकरण की बात कर रहा है, लेकिन उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती के गृह जनपद में जनप्रतिनिधियों के रूप में चुनकर आई महिलाओं की स्थिति अच्छी नहीं है। गाव वालों ने महिलाओं को प्रधान, बीडीसी, जिला पंचायत सदस्य व नगर पंचायत के अध्यक्ष के रूप में चुनकर प्रतिनिधि बना तो लिया, लेकिन ये महिलाएं घर व पर्दे से बाहर नहीं निकल सकीं। कोई इनसे बात करना चाहे तो पति...
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