किसी कारोबारी द्वारा बैंकों का कर्ज चुकता न किये जाने से न सिर्फ बैंकों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था भी कमजोर होती है. सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और वित्तीय संस्थाओं के नुकसान की भरपाई अंततः सरकारी खजाने से करनी पड़ती है. यह खजाना देश की सामूहिक आय, नागरिकों द्वारा दिये गये कर और बचत की राशि से बनता है. इसका मतलब यह है कि...
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केंद्र के पानी को अखिलेश सरकार ने नकारा कहा- बुंदेलखंड में हालात लातूर जैसे नहीं
लखनऊ : केंद्र सरकार की ओर से उत्तर प्रदेश के सूखा प्रभावित और जल संकट झेल रहे बुंदेलखंड इलाके को भेजी गई पानी की ट्रेन को अखिलेश सरकार ने स्वीकारने से इनकार कर दिया है. रेल मंत्रालय को इस बाबत यूपी सरकार ने एक पत्र लिखा जिसमें कहा गया है कि हमारे यहां लातूर के जैसे हालात नहीं हैं. हम यहां जल उपलब्ध कराने में सक्षम हैं. यदि हमें पानी...
More »किसानों के अनुभव : समाज को निबटना होगा सूखे से, सरकार के भरोसे नहीं
लगातार दो कमजोर मॉनसून और लापरवाह जल-प्रबंधन के कारण देश में सूखे का संकट उत्तरोत्तर गंभीर होता जा रहा है. देश की करीब आधी आबादी सूखा और जल-संकट की चपेट में है. कई इलाकों में तो दो साल से अधिक समय से यह स्थिति व्याप्त है. अत्यंत गंभीर रूप से प्रभावित क्षेत्रों से बड़ी संख्या में ग्रामीण पलायन को मजबूर हैं. सरकारी तंत्र इस विपदा से निबटने में न सिर्फ...
More »राजस्थान के 14427 गांव अभावग्रस्त घोषित
जयपुर। सूखे के हालात से जूझ रहे राजस्थान में राज्य सरकार ने 19 जिलों के 14427 गांवों को अभावग्रस्त घोषित कर दिया है। इन गांवों में अब विशेष राहत कार्य चलाए जाएंगे और गर्मिर्यो की छुट्टियों में भी स्कूलों में मिड डे मील वितरित होगा। ये वे गांव हैं जहां खरीफ की पर्याप्त फसल नहीं हुई और सूखे के हालात हैं। इसके साथ ही राज्य सरकार ने इस वर्ष मार्च में...
More »क्यों महंगे पड़ते हैं ये सस्ते खाद्य पदार्थ- पैट्रिक होल्डेन
कभी आपने सोचा है कि बाजार में मिलने वाले गोश्त, यानी मटन के मुकाबले चिकन यानी मुर्गा इतना सस्ता क्यों होता है? यह सस्ता चिकन लोगों के लिए सेहत बनाने का एक अच्छा विकल्प भी है। लेकिन क्या यह वास्तव में इतना सस्ता होता है? या सेहत के लिए सचमुच इतना अच्छा होता है? चिकन के बड़े पैमाने पर उत्पादन से होने वाले नुकसान के लिए किसी को जिम्मेदार नहीं ठहराया...
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