केंद्रीय जल संसाधन मंत्री पवन कुमार बंसल ने यह कहकर चौंका दिया है कि सरकार पानी के निजीकरण पर विचार कर रही है। राष्ट्रीय जल नीति इस माह के अंत तक घोषित कर दी जाएगी। बंसल के मुताबिक जल संसाधन मंत्रालय ने जल नीति का मसौदा कई माह पहले तैयार कर लिया था। इस बारे में लगातार विशेषज्ञों और संबंधित लोगों से चर्चा हो रही है। नीति का जो मसौदा...
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क्यों गायब हो रहे हैं छोटे किसान - सुभाष चंद्र कुशवाहा
आर्थिक उदारीकरण में खेती-किसानी को कहीं भी महत्व नहीं दिया जाता। लेकिन भारत में कृषि नीति के प्रति सरकार की लगातार उदासीनता इसलिए घातक है कि सेवा क्षेत्र के विकास के बावजूद कृषि क्षेत्र आज भी अर्थव्यवस्था की धुरी है। यह हताशाजनक ही है कि सरकार बजट-दर-बजट खेती-किसानी को घाटे का सौदा साबित करने पर तुली है। बाहरी दबावों और कॉरपोरेट हितों के लिए कृषि क्षेत्र को तबाह करने का...
More »बढ़ती बेरोजगारी के बीच-गिरीश मिश्र
नौजवानों के लिए इससे बड़ी त्रासदी क्या हो सकती है कि जब वह शारीरिक और मानसिक रूप से तैयार होकर उत्पादन के क्षेत्र में उतरने को तत्पर होता है, तब उससे कह दिया जाता है कि उसकी आवश्यकता नहीं है। ऐसे में उसका खुद पर गुस्सा लाजिमी है कि उसने अपने परिवार के संसाधनों का इस्तेमाल खुद को राष्ट्रीय उत्पादन में योगदान करने लायक बनाने के लिए व्यर्थ किया। मां-बाप...
More »बीमारू राज्यों में भी पिछड़े हम, आए नए आंकड़े
भोपाल। बिजली-पानी को मुद्दा बनाकर सत्ता पर काबिज हुई भाजपा सरकार जनता को यह दोनों सुविधाएं मुहैया कराने में असफल साबित हुई है। राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता में होने के बावजूद न केवल प्रदेश में बिजली की उपलब्धता कम हुई बल्कि इस सेक्टर में प्रदेश का परफार्मेंस अन्य बीमारू राज्यों से भी कम है। यही नहीं प्रदेश सरकार जनता को पानी भी मुहैया नहीं करवा पाई। जनगणना के ताजा आंकड़ों के...
More »प्रदेश में 4.91 लाख परिवारों के पास नहीं है अपना घर
भोपाल। प्रदेश में 14.91 लाख परिवार ऐसे हैं जिसके पास अपना घर नहीं है। वे किराए के मकान में रह रहे है। यह स्थिति तब है जब प्रदेश में बड़े पैमाने पर कालोनियां विकसित हुई। सरकारी एजेंसियां हाउसिंग बोर्ड व विकास प्राधिकरण भी लोगों को आशियाना उपलब्ध कराने मैदान में हैं। बावजूद इसके पिछले दस सालों में नए मकानों का आंकड़ा पचास लाख से अभी बहुत दूर है। संयुक्त परिवारों...
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