मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक [आरबीआई] का मानना है कि अगले एक दशक के दौरान कार्यशील युवा आबादी बढ़ने से भारत को काफी फायदा होगा, पर इसके लिए जरूरी है कि कृषि क्षेत्र से श्रमिक उद्योग और सेवा क्षेत्र की ओर आएं। आरबीआई के डिप्टी गवर्नर सुबीर गोकर्ण ने शुक्रवार को कहा कि निरंतर ऊंची वृद्धि हासिल करने के लिए यह जरूरी है कि काम करने वाली आबादी कृषि क्षेत्र...
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कपास की खेती के लिए नया कीटनाशक
मोहाली, : कपास भारत की सबसे महत्वपूर्ण रेशेदार फसल होने के साथ-साथ देश की कृषि और औद्योगिक अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। कपड़ा उद्योग के लिए कपास रीढ़ की हड्डी के समान है। कपड़ा उद्योग में 70 प्रतिशत रेशे कपास के ही इस्तेमाल होते है और भारत से विदेशों को होने वाले कुल निर्यात में लगभग 38 प्रतिशत निर्यात कपास का होता है, जिससे देश को 42 हजार करोड़ रुपये...
More »सस्ती दर पर उपलब्ध होगा हरा चारा
पटना समेकित कृषि विकास योजना की राशि से सरकार कृषि फार्म को हरा चारा उत्पादन केन्द्र के रूप में विकसित करेगी। इसके लिए प्रोसेसिंग यूनिट स्थापित होगी। इससे पौष्टिक व सस्ती दर पर हरा चारा उपलब्ध हो सकेगा। कृषि पैदावार बढ़ाने के लिए राज्य को जलवायु के आधार पर चार क्षेत्रों में विभाजित कर समेकित कृषि प्रणाली का माडल तैयार किया गया है। चारा केन्द्र पर डेढ़...
More »औद्योगिक तरक्की के रास्ते पर बिहार
पटना बड़े उद्योगों की स्थापना में बिहार को भले ही कोई बड़ी उपलब्धि न हासिल हुई हो, पर सूक्ष्म, लघु और मध्यम स्तर की इकाइयों की स्थापना में सूबा कई प्रगतिशील राज्यों से आगे है। कृषि उत्पादन में अव्वल रहने वाले पंजाब को भी इसने मात दे दी है। भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (सिडबी) की ताजा रिपोर्ट के अनुसार सूक्ष्म-लघु और मध्यम श्रेणी...
More »दाल से टूटता रोटी का नाता
नई दिल्ली [रमेश दुबे]। दलहनों की पैदावार बढ़ाने के लिए लगभग दो दर्जन योजनाओं की असफलता के बाद केंद्र सरकार ने सीधे किसानों को ज्यादा कीमत देने की रणनीति अपनाई है। इसके तहत दलहनी फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में भारी बढ़ोत्तरी की गई है। जहा अरहर के समर्थन मूल्य में सात सौ रुपये की वृद्धि की गई है, वहीं मूंग में 410 रुपये तथा उड़द में 380 रुपये की...
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