पाकुड़। हालात-ए-जिस्म सूरत-ए-खराब, वहां और भी खराब यहां और भी खराब ये पंक्ति सरकार को शर्मसार करने वाली सूबे की खराब हालात की एक ऐसी ही दास्तांन बयां करती है। ये दास्तांन है पाकुड़ के एक ऐसे शिक्षक की जो पिछले 25 वर्षो से शिक्षा की अलख जला रहे हैं, परन्तु इस एवज में यदि उन्हें कुछ मिला है तो बूट-पॉलिस का धंधा, गरीबी व जिल्लत भरी जिंदगी। जिले के अमड़ापाड़ा...
More »SEARCH RESULT
बीच बहस में न्यूनतम मजदूरी
हालांकि केंद्र सरकार ने मनरेगा के अन्तर्गत दी जाने वाले मजदूरी को उपभोक्ता मूल्य सूचकांक से जोड़ने की बात मान ली है, फिर भी वह इस मामले में संविधानप्रदत्त न्यूनतम मजदूरी देने में संकोच कर रही है जबकि देश के कई सूबों में अब भी मनरेगा के अन्तर्गत दी जाने वाली मजदूरी न्यूतम मजदूरी से कम है। सरकार का तर्क है कि न्यूनतम मजदूरी दी गई तो बढ़ा हुआ वित्तीय...
More »ढाई घंटे तक बहस करते रहे जेठमलानी, आज भी सुनवाई
बिलासपुर.नक्सली नेता बिनायक सेन व पीजूष गुहा के मामले में सोमवार को सुप्रीम कोर्ट के सीनियर एडवोकेट राम जेठमलानी ने हाईकोर्ट में पैरवी की। सवा दो घंटे तक चली बहस के दौरान उन्होंने कहा कि डा. सेन व पीजूष पर दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 121 ए (सरकार के खिलाफ युद्ध या राजद्रोह) कहीं से भी सिद्ध नहीं होता। उन्हें सिर्फ पीपुल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टी (पीयूसीएल) से संबंध रखने के कारण या...
More »न्यायविदों ने कहा- न्यूनतम मजदूरी न देना असंवैधानिक - सत्येंद्र रंजन
सुप्रीम कोर्ट के पूर्व प्रधान न्यायाधीश जेएस वर्मा ने बुधवार को कहा कि महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना के तहत मजदूरों को न्यूनतम मजदूरी न देने के सवाल पर केंद्र सरकार का रुख असंवैधानिक है। उनकी बात का समर्थन राष्ट्रीय न्यायिक अकादमी के निदेशक मोहन गोपाल ने भी किया। उन्होंने यह भी जोड़ा कि कोई कानून अगर संविधान के नीति-निर्देशक तत्वों की भावना का उल्लंघन करता है, तो वह असंवैधानिक है...
More »केंद्र और राज्य सरकार की लड़ाई में पिस रहा गरीब
भोपाल. केंद्र और राज्य सरकार लड़ाई में गरीब पिस रहे हैं। केंद्र के गोदाम अनाज से भरे पड़े हैं, लेकिन गरीबों के लिए अनाज नहीं है,जबकि सुप्रीमकोर्ट दो साल पहले की कह चुका है कि प्रत्येक बीपीएल परिवार को 35 किलो अनाज हरहाल में मुहैया कराया जाना है। लेकिन गरीबों को बमुश्किल 23 किलो अनाज ही मिल पा रहा है। वहीं राज्य सरकार की लेतलतीफी यह कि सुप्रीमकोर्ट के आदेश का...
More »