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त्वरित न्याय हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता- रविशंकर प्रसाद

अदालतों में करोड़ों की संख्या में लंबित मामले, जजों की कमी और वर्षों लंबी न्याय प्रकिया में पीढ़ी बदल जाने वाले हालात से आम आदमी परेशान है। सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता व बिहार के चारा घोटाले और राम जन्मभूमि मामले में रामलला के वकील रह चुके रविशंकर प्रसाद अब देश के नए कानून मंत्री हैं। उनके पास संचार और आईटी मंत्रालय भी हैं। विशेष संवाददाता रामनारायण श्रीवास्तव ने उनसे...

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दूरसंचार की दूसरी क्रांति- गोपाल विट्ठल

लगभग 75 फीसदी क्षेत्र और 90 फीसदी आबादी तक पैठ जमाकर मोबाइल ने देश के कोने-कोने में अपनी असरदार उपस्थिति दर्ज कराई है। आधुनिकतम तकनीकों, न्यूनतम शुल्क दरों और अनूठे बिजनेस मॉडलों के जरिये भारत ने दुनिया को दिखा दिया है कि जोश, कुशलता और उद्यमिता की बदौलत विश्व स्तर के उद्योग को कुछ ही वर्षों में कैसे खड़ा किया जाता है। देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में पांच...

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हैरान करती महंगाई: भंडार भरे, फिर भी बढ़ा दी तेल, अनाज और सब्जी की कीमतें

भोपाल. कमजोर मानूसन की आशंका के चलते पिछले 10 दिनों में अधिकांश जरूरी खाद्य वस्तुओं के फुटकर दाम 15 फीसदी से ज्यादा बढ़ चुके हैं। कीमतों में इस अप्रत्याशित तेजी से आम लोगों के अलावा अर्थव्यवस्था के जानकार भी हैरान हैं। इस हैरानी का कारण है कि इनमें से अधिकांश जरूरी वस्तुओं का न सिर्फ पर्याप्त भंडारण मौजूद है, बल्कि उनकी आपूर्ति भी सुचारू रूप से हो रही है।   राजधानी में दाल-चावल समेत कुछ...

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कालेधन पर अध्ययनः गोल माल है भाई सब गोलमाल...

नयी दिल्ली: पूर्ववर्ती संप्रग सरकार द्वारा शुरु कराया गया अध्ययन तीन सालों के बाद भी बेनतीजा निकला. सरकार अबतक काले धन को लेकर कोई विशेष कदम नहीं उठा पायी है.   पिछली सरकार ने 21 मार्च 2011 को यह अध्ययन शुरु कराया था और इसके लिए 18 महीने का समय दिया था जो 21 सितबर 2012 को पूरा हो गया था. यह अध्ययन नैशनल इंस्टीच्यूट ऑफ पब्लिक फाइनांस एंड पालिसी (एनआईपीएफपी), नैशनल...

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मौसम की अटकलों से बढ़ती दुविधा - प्रमोद भार्गव

बरसात से पूर्व मौसम विभाग द्वारा मानसून की भविष्यवाणियों में फेरबदल चिंता का सबब बन रहा है। मई की शुरुआत में सामान्य से पांच फीसद कम बारिश की भविष्यवाणी की गई थी, लेकिन 9 जून को औसत से सात प्रतिशत कम वर्षा का अंदेशा जताया गया। यानी आज भी हमारा मौसम विभाग सटीक भविष्यवाणी करने की स्थिति में नहीं है। इस पर चिंतित होना इसलिए लाजिमी है, क्योंकि पिछले कुछ...

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