कुछ महीने पहले 30,000 से ज्यादा किसानों ने एक लाख रुपये प्रति एकड़ की पूरी कृषि ऋण माफी के साथ 50,000 रुपये सूखा मुआवजे की मांग को लेकर ठाणे से मुंबई तक मार्च किया. इस समय नासिक और मराठवाड़ा जिले के अलग-अलग हिस्सों में कई गांवों को पानी की कमी (औसतन 30 फीसद) का सामना करना पड़ रहा है, जबकि यहां के किसान पहले से ही कम फायदेमंद खरीफ फसलों...
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तेल का खेल अभी और चलेगा-- सौरभ चंद्र
तेल विश्व की राजनीति को सबसे ज्यादा प्रभावित करने वाली वस्तु है। इसकी वजहें भी हैं। तेल अर्थव्यवस्था के लिए जरूरी है, इसका अपना सैन्य महत्व है और कुछ इलाकों में ही इसके भंडार सिमटे हैं। यह अनुमान लगाना मुश्किल है कि आने वाले दिनों में तेल की कीमतें कितनी होंगी? क्योंकि तेल की दुनिया में अनिश्चितता ही निश्चित है। भू-राजनीति और भू-अर्थव्यवस्था में तेल का अव्वल स्थान है। इसका...
More »क्या है रुपये का सही मूल्य-- अश्विनी महाजन
पिछले कुछ महीनों से रुपये में भारी अवमूल्यन हो रहा था और रुपये डाॅलर की विनिमय दर जो अप्रैल 2018 में लगभग 64 रुपये प्रति डाॅलर थी, 11 अक्तूबर, 2018 तक 74.48 रुपये प्रति डाॅलर पहुंच चुकी थी. एक ओर जहां कमजोर होते रुपये के चलते देश में चिंता का माहौल व्याप्त हो रहा था, नीति निर्माण से जुड़े हुए कई महानुभाव यह कह रहे थे कि रुपये का गिरना...
More »बचपन का बोझ कम करने के लिए- हरिवंश चतुर्वेदी
स्कूली बच्चों और अभिभावकों के लिए यह अच्छी खबर है। अब पहली से दसवीं कक्षा तक के बच्चों के लिए स्कूली बैग का वजन निर्धारित कर दिया गया है। मानव संसाधन मंत्रालय द्वारा सभी राज्य सरकारों और केंद्रशासित क्षेत्रों को निर्देश दिए गए हैं कि अब स्कूली बच्चों के बैग का वजन वही होगा, जो कि मंत्रालय ने निर्धारित किया है। अब पहली और दूसरी कक्षा के बच्चों के बैग...
More »किसानों के प्रति उदासीनता- योगेन्द्र यादव
बीसवीं सदी के किसान नेता दीनबंधु चौधरी छोटू राम ने किसान को कहा था: 'ए भोले किसान, मेरी दो बात मान लें- एक बोलना सीख और एक दुश्मन को पहचान ले'. लगता है सौ साल बाद भारत के किसान ने उनकी बात सुन ली है. आज देशभर से 200 से अधिक किसान संगठन 'किसान मुक्ति मार्च' लेकर दिल्ली पहुंच रहे हैं. इस मार्च के जरिये किसान बोलना सीख रहे हैं....
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