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आज के लिए दांव पर कल : केविन रैफर्टी

दुनिया के लिए यह एक चुनौती भरा समय है। आम जनता महंगाई और बेरोजगारी की समस्या से जूझ रही है और व्यवसाय जगत करों की ऊंची दरों और मांग में आई कमी से संघर्ष कर रहा है, क्योंकि उपभोक्ता खर्च करने का साहस नहीं जुटा पा रहे हैं। वैश्विक बाजार किसी रोलरकोस्टर पर सवार होकर एक संकट से दूसरे संकट तक की यात्रा कर रहा है। यूनान, इटली, यूरो संकट, बलरुस्कोनी का...

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502 खदानों के आवंटन में घोटाले का आरोप: विधानसभा में उठेगा मामला

जोधपुर. खान विभाग के जोधपुर जोन में रोहिला कलां, बुझावड़ा सहित चार स्थानों पर मेसेनरी स्टोन की 502 खदानों के आवंटन में घोटाले का आरोप लगाते हुए सूरसागर विधायक सूर्यकांता व्यास ने कहा है कि विभाग ने महकमे के अफसरों के साथ नेताओं के रिश्तेदार व उनके सगे संबंधियों के परिजनों को एक साथ कई खानें आवंटित कर दी। इन्हें निरस्त नहीं किया गया तो वे विधानसभा में मामला उठाएंगी। जरूरत...

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विकास : मिथक या सच्चाई- इर्शादुल हक(तहलका हिन्दी)

  बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी का दावा है कि राज्य की विकास दर इस वर्ष 14.15 प्रतिशत तक पहुंच गई है जो देश में सबसे ज्यादा है. अर्थशास्त्रियों का दावा है कि इसमें सच्चाई से ज्यादा आंकड़ेबाजी है. इर्शादुल हक की रिपोर्ट   16 अक्टूबर को उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने सांख्यिकी और कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय के केंद्रीय सांख्यिकी संगठन यानी सीएसओ के हवाले से प्रेस को सूचना दी, ‘2010-11...

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'जैतापुर परमाणु ऊर्जा कोंकण के लिए विनाशकारी है'

मुंबई. जैतापुर परमाणु ऊर्जा परियोजना के खिलाफ शिवसेना ने एक बार ताल ठोंकी है। शिवसेना कार्याध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने कोंकण के लोगों के आक्रोश को भूनाने के लिए 29 नवंबर को इस मसले पर ‘जैतापुर परियोजना क्यों जरूरी है और क्यों नहीं?’ एक परिसंवाद का आयोजन किया है। ठाकरे ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि 29 नवंबर को मुंबई के स्वातं˜यवीर सावरकर सभागृह में आयोजित परिसंवाद की अध्यक्षता सुप्रीम...

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कैसे हो जैव संपदाओं का संरक्षण- विष्णुदत्त नागर

संयुक्त राष्ट्र द्वारा जैव विविधता को संरक्षण देने के लिए जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से वर्ष 2010-11 को अंतरराष्ट्रीय जैव विविधता वर्ष घोषित करने के बावजूद भारत की जैव संपदा को पश्चिमी देश लूट रहे हैं। हमारी सरकारों की उदासीनता पश्चिमी देशों का हौसला बढ़ा रही है। भारत समेत अन्य विकासशील देशों ने इसके खिलाफ अंतरराष्ट्रीय मंच पर आवाज उठाई और जैविक संपदा के संरक्षण और उपयोग के संबंध में अंतरराष्ट्रीय फ्रेमवर्क...

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