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अपने मजबूत इरादों के साथ, शीला देवी जुडी हैं, गरीब आदिवासी बच्चों के भविष्य को बेहतर बनाने में।

-विलेज स्कवायर, एक दिन की बात है, फील्ड में विजिट के दौरान एक महिला को लाठी के सहारे कंधे पर थैला लटकाये कहीं जाते देखा। उत्सुकतावश उनसे बात करने का मन किया। फिर देखा तो उन्हें बच्चों ने ”मैडम, मैडम” बोलते हुए घेर लिया। उन्हें ऊंचे स्थान पर बने एक मकान पर चढ़ने में थोड़ी दिक्कत हो रही थी| फिर उन्होंने ऊपर बंधी घंटी बजायी । सभी बच्चे एक साथ लाईन...

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क्या बालिग, क्या नाबालिग, जो हत्थे चढ़ा, वो जेल गया

-न्यूजलॉन्ड्री, 17 मार्च 2020 की तारीख लग गयी थी.आधी रात गुज़र चुकी थी और 22 साल का देवा मंडावी नीलावाया पंचायत के मल्लापारा गांव में अपने घर के आंगन में आराम से सो रहा था. रात के लगभग तीन बजे कुछ आवाज़ों से उसकी नींद खुल गई. उसने पाया कि खाट के अगल-बगल वर्दी पहने हथियारबंद लोग खड़े थे.उनमें से एक ने उसकी छाती पर बन्दूक के बट से वार किया.वो...

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भारत में महिला रोज़गार की वास्तविकता: पीरियॉडिक लेबर फोर्स सर्वे से अहम बातें

-न्यूजक्लिक, भारत सरकार ने आधिकारिक तौर पर नेशनल सैंपल सर्वे (NSS) 2011-12 के पांच वर्षीय रोजग़ार और बेरोज़गारी सर्वेक्षण (EUS) को रद्द कर दिया है। श्रमशक्ति आंकड़ों की अहमियत के मद्देनज़र, 2017 में सरकार ने वार्षिक श्रम शक्ति आंकड़ों को जारी करने का फ़ैसला किया है। इसे ''पीरियाडिक लेबर फोर्स सर्वे या PLFS'' कहा जाता है। 4 जून 2020 को सरकार ने PLFS के दूसरे बैच के आंकड़ों को जारी किया।...

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जलवायु परिवर्तन और बेमौसम बरसात के कारण भारत के कई राज्यों में टिड्डियों के हमलों में बढ़ोतरी

कोविड-19 लॉकडाउन के बीच, राजस्थान, महाराष्ट्र, गुजरात, उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा और मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों में मई 2020 की दूसरी छमाही में रेगिस्तानी टिड्डियों के झुंड देखे गए हैं. हाल ही में रेगिस्तानी टिड्डियों के झुंडों द्वारा किए गए हमलों ने इन राज्यों में बड़े पैमाने पर फसलों, मवेशियों के चरागाहों और हरी वनस्पतियों को नुकसान पहुंचाया है. एक आधिकारिक अनुमान के मुताबिक, 25 मई, 2020 तक राजस्थान के...

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लॉकडाउन के दौरान 55 पत्रकारों को मिली धमकियां, मुक़दमे और गिरफ़्तारी: रिपोर्ट

-द वायर,  बीते 25 मार्च से 31 मई, 2020 के बीच राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के दौरान कोरोना वायरस पर खबर करने या अभिव्यक्ति की आजादी के इस्तेमाल पर देशभर के कम से कम 55 पत्रकारों को गिरफ्तारी, मुकदमे, समन या कारण बताओ नोटिस, शारीरिक प्रताड़ना, कथित तौर पर संपत्ति के नुकसान या धमकियों का सामना करना पड़ा. यह जानकारी दिल्ली के ‘राइट्स एंड रिस्क एनालिसिस ग्रुप’ की इस हफ्ते जारी ‘इंडिया: मीडिया क्रैकडाउन...

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