बिहार के भोजपुर जिले के बीहिया से अजय कुमार, शाहपुर के परशुराम, बरहरा के शत्रुघ्न और पीरो के अरुण कुमार ये लोग भले ही अलग-अलग इलाकों के हैं, पर इनमें एक बात कॉमन है, वो है इनके बच्चों की आंखों की रोशनी। इनके साथ ही सोलह और अन्य परिवारों में जन्में नवजात शिशुओं की आँखों में रोशनी नहीं है। इनकी आँखों में रोशनी जन्म से ही नहीं है। बिहार के...
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नि:शुल्क पैथालाजी पर भारी डोयन का दांव
पटना पीएमसीएच में मरीजों को बेहतर जांच सुविधा के लिए पब्लिक-प्राइवेट पाटर्नरशिप के तहत एम्स की दर पर जिस 'डोयन' को जांच का काम सौंपा गया था, उसकी रणनीति ने नि:शुल्क सरकारी पैथालाजी लैब को ठप सा कर दिया है। आलम यह है कि कुछ माह पूर्व तक सांस तक न ले पाने वाले पीएमसीएच के माइक्रोबायोलाजी विभाग की लैब के चिकित्सक व स्टाफ अब आराम से बैठे रहते...
More »सरकारी कागजों में स्लम का अकाल
अगर कोई पूछे कि मुंबई महानगर में झोपड़ बस्तियों को हटाने की दिशा में जो काम हो रहा है, उसका क्या असर पड़ा है तो इस सवाल का एक जवाब ये भी हो सकता है- आने वाले दिनों में झोपड़ बस्तियों की संख्या बढ़ सकती है. मुंबई महानगर का कानून है कि जो बस्ती लोगों के रहने लायक नहीं है, उसे स्लम घोषित किया जाए और वहां बस्ती सुधार की योजनाओं...
More »पेनकिलर..आर दे किलिंग यू?
दर्द जब हद से ज्यादा बढ़ जाता है तो डाक्टर भी पेनकिलर के सेवन का सुझाव देते हैं। लेकिन जब उसी पेनकिलर का जरूरत से ज्यादा उपयोग होने लगे तो वो साइलेंट किलर का भी काम कर सकता है। पेनकिलर्स बनाने में नान-स्टेराइडल ऐंटी इनफ्लेमेट्री ड्रग्स जैसे मार्फिन और नान-नारकोटिक्स जैसे एसेटैमिनोफेन का प्रयोग होता है। जिसका अधिक मात्रा में सेवन न सिर्फ शारीरिक बिमारियों का कारण बनता है बल्कि इससे एडिक्शन भी हो सकता...
More »‘अब हर किसी को गेहूं और चावल चाहिए’- शरद पवार
सुबह के आठ बजे हैं. लेकिन 69 वर्षीय भारत के कृषि मंत्री शरद पवार अपने दिल्ली स्थित घर में बने ऑफिस में व्यस्त हो चुके हैं...अनाज और सब्जियों की लगातार बढ़ रही कीमतों के मुद्दे पर आलोचनाओं से घिरे पवार ने अजित साही और राना अय्यूब से उनके कार्यकाल में कृषि नीतियों पर काफी लंबी बात की. साक्षात्कार के अंश यूपीए सरकार के कार्यकाल में कृषि क्षेत्र का प्रदर्शन यूपीए जब सत्ता...
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