-बीबीसी, सफ़ूरा ज़रगर को भारत की राजधानी दिल्ली में जिस समय गिरफ़्तार किया गया, वो तीन महीने से अधिक की गर्भवती थीं. उन्हें विवादित नागरिता संशोधन क़ानून के विरोध में हो रहे एक प्रदर्शन में शामिल होने के कारण गिरफ़्तार किया गया था. यह 10 अप्रैल की तारीख़ थी और यह वो वक़्त था जब कोविड-19 महामारी ने भारत में अपनी जड़ें जमानी शुरू की थीं. सरकार ने अपने ख़ुद के दिशा-निर्देश में...
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संयुक्त किसान मोर्चा की सरकार को चेतावनी: अगर मांगे नहीं मानी गईं तो 26 जनवरी को दिल्ली में करेंगे ट्रैक्टर मार्च
-गांव कनेक्शन, नए कृषि कानूनों पर नई दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन के बीच संयुक्त किसान मोर्चा ने अब सख्त रुख अपनाया है। किसान संयुक्त मोर्चा ने केंद्र सरकार को चेतावनी दी है कि अगर नए कृषि कानूनों को वापस नहीं लिया गया और उनकी मांगें नहीं मानी गई तो 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के मौके पर वे दिल्ली में ट्रैक्टर मार्च निकालेंगे। इससे पहले 30 दिसम्बर को नए...
More »बड़े संकट में बदलने को तैयार छोटी समस्याओं से घिरे भारत और दुनिया के लिए चीन भी है एक बड़ी चुनौती
-द प्रिंट, भारतीय अर्थव्यवस्था 2014 में चीनी अर्थव्यवस्था के मुक़ाबले तेजी से बढ़ने लगी थी और अगले तीन साल तक उसने यह गति बरकरार रखी. 2018 में भविष्यवाणी की गई थी कि 2020 तक इस रैंकिंग में कोई बदलाव नहीं होगा. लेकिन समय ने करवट बदली, चीन जल्दी ही आगे निकलने लगा और दोनों के बीच फासला बढ़ता गया. अनुमान है कि इस साल उसकी अर्थव्यवस्था में 2 प्रतिशत की वृद्धि होगी,...
More »सूचना की महामारी, फैक्ट-चेक का हैंडवॉश और सत्य का लॉकडाउन
-न्यूजलॉन्ड्री, कुछ दिन पहले एक पत्रकार साथी का फोन आया था. वे दिल्ली के एक ऐसे शख्स की खोज खबर लेने को उत्सुक थे जिसे ज्यादातर अखबारों और टीवी चैनलों ने 9 अप्रैल, 2020 को मृत घोषित कर दिया था. मरे हुए आदमी को खोजना फिर भी आसान होता है, लेकिन ये काम थोड़ा टेढ़ा था. मित्र के मुताबिक वह व्यक्ति जिंदा था. कुछ अखबारों और चैनलों के मुताबिक वह मर...
More »नाराज किसान: मजबूत किसान मोर्चेबंदी
-आउटलुक, “नए केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की चौहद्दी और देश भर में मोर्चे पर डटे किसानों के पक्ष में बढ़ता जन समर्थन” शुरुआत में ट्रैक्टरों का एक छोटा काफिला एनएच 44 पर दिल्ली की ओर बस कुछ नारों और फौलादी इरादों के साथ बढ़ा चला आ रहा था। सामान्य हालात में उनका विरोध प्रदर्शन भी बाकी सेक्टरों जैसा ही मान लिया जाता, जिसकी देश में धारा शायद ही कभी टूटती...
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