जाने-माने मानवाधिकार कार्यकर्ता और ईपीडब्ल्यू के सलाहकार संपादक गौतम नवलखा तथा स्वीडिश पत्रकार जॉन मिर्डल कुछ समय पहले भारत में माओवाद के प्रभाव वाले इलाकों में गए थे, जिसके दौरान उन्होंने भाकपा माओवादी के महासचिव गणपति से भी मुलाकात की थी. इस यात्रा से लौटने के बाद गौतम ने यह लंबा आलेख लिखा है, जिसमें वे न सिर्फ ऑपरेशन ग्रीन हंट के निहितार्थों की गहराई से पड़ताल करते हैं, बल्कि माओवादी...
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मांग के कंधे पर बैठी महंगाई
नई दिल्ली [अंशुमान तिवारी]। कदम रुके थे, पैर में बंधा पत्थर तो जस का तस था। महंगाई गई कहां थी? अर्थव्यवस्था मंदी से निढाल होकर बैठ गई थी इसलिए महंगाई का बोझ बिसर गया था। कदम फिर बढ़े हैं तो महंगाई टांग खींचने लगी है। मुद्रास्फीति का प्रेत नई ताकत जुटा कर लौट आया है। मंदी के छोटे से ब्रेक के बीच महंगाई और जिद्दी, जटिल व व्यापक हो...
More »उत्तराखंड में बनेगा हिमनद प्राधिकरण
देहरादून। उत्तराखंड के हिमनदों के संरक्षण के लिए राज्य सरकार ने अनूठी पहल की हैं। सरकार ने इनके संरक्षण के लिए हिमनद प्राधिकरण बनाने का निर्णय लिया हैं। हिमनद प्राधिकरण बनाने वाला उत्तराखंड विश्व का पहला राज्य होगा। सूत्रों के अनुसार इस प्रस्तावित प्राधिकरण का नाम स्नो एंड ग्लेशियर अथोरिटी रखा गया हैं। राज्य के मुख्यमंत्री प्राधिकरण के अध्यक्ष होंगे। इसके निर्माण के लिए आवश्यक कार्यवाही शुरू कर दी...
More »पुलिस पहरे में बीजों की बिक्री
जोधपुर। बीजों की खरीद को लेकर काश्तकारों एवं पुलिस के बीच उपजा विवाद बुधवार को शांत हो गया। पावटा स्थित दुकानों से काश्तकारों की खासी भीड़ रही तो आस-पास में पुलिस का भी सख्त पहरा रहा। दुकानों सहित आसपास में पूरे इलाके में अतिरिक्त पुलिस तैनात है और एडीएम सिटी स्नेहलता पंवार सहित पुलिस के अधिकारी बराबर निगरानी रखे हुए है। सरकारी दुकानों पर बीज नहीं मिलने और निजी दुकानों पर बीजों के ऊंचे दामों...
More »सुबह के इस दौर में भी छूट रहीं बच्चियां
पटना [जागरण टीम]। सरकारी प्रयास शुरुआती दौर पर रंग तो ला चुके हैं, लेकिन मैट्रिक के बाद की पढ़ाई-लिखाई के हलके में राज्य की ज्यादातर बच्चियों के लिए अपना वजूद बनाए रख पाना आज भी बहुत मुश्किल हो रहा है। 21वीं शताब्दी के 10 साल गुजरने के बाद भी शैक्षणिक संस्थानों की कमी और बुनियादी सुविधाओं की किल्लत ने उन्हें मैट्रिक की बाद की पढ़ाई के मद्देनजर तकरीबन 30 साल पीछे ही छोड़ रखा है। ...
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