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22575 करोड़ का हिसाब नहीं

पटना : राज्य सरकार ने पिछले नौ वर्षो में खर्च किये गये 22575 करोड़ रुपये का हिसाब महालेखाकार को नहीं दिया है. भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (सीएजी) ने इसे गंभीर बताया है. सीएजी ने करीब 8466 करोड़ रुपये के खर्च का उपयोगिता प्रमाण पत्र नहीं मिलने पर भी नाराजगी जाहिर की है. 31 मार्च, 2011 को समाप्त होनेवाले वित्तीय वर्ष के लिए सीएजी की रिपोर्ट मंगलवार को विधानमंडल के दोनों...

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झारखंड से पांच और खनिजों के भंडार खत्म

रांची। प्रदेश में एसबेस्टस के बाद पांच और खनिजों का भंडार खत्म हो गया है। हाल तक ऐपेटाइट, बेराइट, क्रोमाइट, वर्मिकुलाइट और मैगनीज प्रदेश की मेटल इंडस्ट्री के विकास के लिए महत्वपूर्ण साधन थे। इनमें मैगनीज का उत्पादन बंद हो जाना तो प्रदेश की स्टील प्रोसेंग इंडस्ट्री के लिए एक धक्के की तरह है। इस महत्वपूर्ण कच्चे माल की स्थानीय स्तर पर प्राप्ति न होने से अब दूसरे स्थानों से मैगनीज अयस्क...

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जंगलों में 10 करोड़ की वन संपदा खतरे में

शिमला. प्रदेश के जंगलों में पाए जाने वाली 10 करोड़ की वन संपदा खतरे की जद में है। वन विभाग ने वनौषधियों की कुल पाए जाने वाली 57 प्रजातियों में से 47 को लुप्त प्राय घोषित कर दिया है। ऐसे में इन प्रजातियों को बचाने के लिए इस साल से संरक्षण मुहिम शुरू की जा रही है जिसका मकसद लोगों को रोजगार देना तो होगा ही साथ में औषधियों के...

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मीडिया के नए मापदंड- पुण्य प्रसून वाजपेयी

 अपराध जगत की खबर देने वाला एक पत्रकार मारा गया। मारे गए पत्रकार को अपराध जगत की बिसात पर प्यादा भी एक दूसरे पत्रकार ने बनाया। सरकारी गवाह एक तीसरा पत्रकार ही बना। यानी अपराध जगत से जुड़ी खबरें तलाशते पत्रकार कब अपराध जगत के लिए काम करने लगे, यह पत्रकारों को पता ही नहीं चला। या फिर पत्रकारीय होड़ ही कुछ ऐसी बन चुकी है कि पत्रकार अगर खबर बनते लोगों का...

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खेती की उपेक्षा और खाद्य सुरक्षा- भारत डोगरा

जनसत्ता 21 मार्च, 2012: लोकसभा में पिछले वर्ष प्रस्तुत किए गए राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा विधेयक से कोई सहमत हो या असहमत, पर इसके महत्त्च से इनकार नहीं किया जा सकता। मौजूदा रूप या इससे काफी मिलते-जुलते रूप में यह विधेयक पारित हो गया तो आने वाले अनेक वर्षों तक इसका हमारी खाद्य और कृषि व्यवस्था पर बहुत व्यापक असर पड़ेगा। इसलिए इस विधेयक से संबंधित जानकारी अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचे...

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