आमतौर पर बच्चों के सामने किसी गंभीर बात पर चर्चा करते हुए हम सोचते हैं कि बच्चा है, नहीं समझेगा। लेकिन कई बार हमारी यह समझ उनकी समझ के आगे बौनी हो जाती है। जैसे वक्त के साथ हर चीज बदल रही है, वैसे ही बचपन भी बदल रहा है। मासूम और नादान बचपन अब समझदार और परिपक्व हो रहा है। इसमें कोई संदेह नहीं कि बचपन को संवारने या...
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सूचना के अधिकार का पाठ भी हटा दिया किताब से
जयपुर। राजस्थान में पाठ्यक्रम बदलाव का विवाद खत्म नहीं हो रहा है। अब सामने आया है कि पाठ्यक्रम बदलते समय कक्षा आठ की पुस्तक से सूचना के अधिकार (आरटीआई) से संबंधित पाठ भी हटा दिया गया है। स्वयंसेवी संगठनों ने इस बारे में मुख्य सचिव को पत्र लिख कर आपत्ति दर्ज कराई है। राजस्थान में 2005 में सूचना का अधिकार कानून लागू हुआ था। देश में ऐसा करने वाला राजस्थान पहला...
More »राजस्थान ने सूखे से निपटने के लिए मांगे साढ़े दस हजार करोड
जयपुर। राजस्थान सरकार ने राज्य में सूखे के हालात से निपटने के लिए केंद्र सरकार से 10 हजार 537 करोड रूपए की आर्थिक सहायता की मांग की है। इसके साथ ही पेयजल परिवहन की व्यवस्था कराने की मांग भी की गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ हुई बैठक में मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने बताया कि राजस्थान में राज्य सरकार अपने अल्प वित्तीय संसाधनों से सूखे एवं पानी की कमी से...
More »आदिवासियत का लड़ाकू विचारक-- अनुज लुगुन
मराठी के वरिष्ठ आदिवासी कवि वाहरू सोनवाने ‘स्टेज' कविता में कहते हैं- ‘हम स्टेज पर गये ही नहीं/हमें बुलाया भी नहीं गया/उंगली के इशारे से हमारी जगह हमें दिखाई गयी/वे स्टेज पर खड़े होकर/हमारा दुख हमें ही बताते रहे.' यह कविता आदिवासी समाज को गैर-आदिवासियों द्वारा निर्देशित करने की यंत्रणादायी प्रक्रिया को बताती है. आदिवासियों को निर्देशित करने की औपनिवेशिक मंशा का प्रतिरोध करते हुए कई बार वाहरू जी कह...
More »पिछड़ा कहलाने की होड़ क्यों?--- अनुपम त्रिवेदी
पिछले कुछ समय से देश के विभिन्न भागों में आरक्षण की मांग लगातार उठ रही है. परंपरागत रूप से समृद्ध समझे जानेवाले वर्ग भी आज पिछड़ा कहलाने की होड़ में हैं. हरियाणा के समृद्ध जाट, दुनिया के हर हिस्से में फैले गुजरात के मेहनतकश पटेल, कभी जमींदार रहे आंध्र प्रदेश के कप्पू , गौरवशाली अतीत वाले मराठा और कभी राजसी ठाठ-बाट के मालिक रहे उत्तर प्रदेश और राजस्थान के...
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