एक ही महीने में राष्ट्रपति ने दूसरी बार सहिष्णुता की याद दिलाई है। प्रधानमंत्री ने भी दादरी में अखलाक की हत्या पर अफसोस जता दिया है। और तो और, अमित शाह ने बीजेपी के बड़बोले नेताओं को फटकार लगा दी है। कई लोग सोच रहे होंगे कि अब और क्या चाहिए? मन ही मन कह रहे होंगे कि अब तो दादरी वाले इस मुद्दे को खत्म करो। टीवी चैनलों के न्यूज...
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गरीबी के बारे में डीटन ने बढ़ाई है अर्थशास्त्र की समझ-- रीतिका खेड़ा
अपने पूरे कैरिअर में माप के मसले उनकी चिंताओं के केंद्र में रहे हैं। उनके अनुसार आंकड़ों को बिना सवाल किए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। उदाहरण के लिए इस सदी के शुरूआती वर्षों में उन्होंने भारत में मूल्य सूचकांक की गणना की समस्याएं रेखांकित करते हुए यह दिखाया था कि वह कैसे गरीबी संबंधी अनुमानों को प्रभावित करती है। भारत के संबंध में उनका एक और काम गौर फरमाने...
More »दिल्ली के विधायक आम आदमी से 10 गुना वेतन पाएंगे!
दिल्ली सरकार ने यदि विशेषज्ञ समिति की सिफारिशें मानीं तो राजधानी के विधायकों का वेतन आम आदमी के मुकाबले दस गुना हो जाएगा। समिति ने मंगलवार को सौंपी अपनी रिपोर्ट में विधायकोंका मासिक वेतन वर्तमान में 88 हजार से बढ़ाकर 2.10 लाख रुपये करने की सिफारिश की है। 2014-15 के दौरान दिल्ली में प्रति व्यक्ति सालाना आय 2.41 लाख रुपये थी। इस हिसाब से यहां आम आदमी का औसत मासिक वेतन...
More »सर्वे में खुलासा, नोट के बदले वोट को गलत नहीं मानती 80 फीसद जनता
नई दिल्ली/पटना। बिहार के 80 फीसद लोगों का मानना है कि पैसे या किसी अन्य चीज के बदले किसी को वोट देने में कुछ भी गलत नहीं है। हाल ही में हुए एक सर्वे में इसका खुलासा हुआ है। एक अंग्रेजी अखबार के अनुसार यह सर्वे बिहार के मुख्य निर्वाचन अधिकारी द्वारा करवाया गया था, जिसमें ये चौंकाने वाली बात सामने आई है। बिहार के लोगों की ऐसी सोच के सामने...
More »भारत की कहानी में बिहार कहां है?-- शंकर अय्यर
आज बिहार उम्मीदों और निराशा के दोराहे पर खड़ा है। पिछले कई दशकों से अगर बिहार दुर्दशा झेल रहा है, तो इसकी वजह सिर्फ मंडल, कमंडल और जंगल राज नहीं है। इसकी असल वजह 'राजनीति' है, जिसमें 'राज' कुछ ज्यादा, तो 'नीति' जरूरत से काफी कम रही है। भारत में शासन को लेकर एक बेहद प्रचलित उक्ति है कि यहां वह सब कुछ जो गलत हो सकता है, वह लगातार...
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