जिस भारतीय अर्थव्यवस्था के बूते दक्षिण एशिया में साल 2010 तक आर्थिक-वृद्धि की रफ्तार 9 फीसदी से ज्यादा की रही और अब यानी साल 2011-12 में 7 फीसदी पर जा पहुंची है, उसके बारे में सबसे ज्यादा गौर करने लायक तथ्य क्या है ? अंतर्राष्ट्रीय श्रम-संगठन की नई रिपोर्ट ग्लोबल एम्पलॉयमेंट ट्रेन्डस् का कहना है कि बढ़ोत्तरी का यह कमाल श्रम की उत्पादकता में बढ़वार का नतीजा था ना कि...
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असंगठित मजदूरों को भी साइकिल
रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने 40 प्रकार के असंगठित मजदूरों को भी साइकिल और सिलाई मशीन देने का फैसला किया है। आधिकारिक सूत्रों ने मंगलवार को बताया कि राज्य सरकार ने नाई, धोबी, दर्जी, माली, मोची और बुनकर सहित 40 प्रकार के असंगठित मजदूर वर्ग के लिए भी विभिन्न नई कल्याण योजनाएं शुरू करने का निर्णय लिया है, जिनमें सिलाई मशीन सहायता, साइकिल सहायता, साइकिल-रिक्शा सहायता, चिकित्सा सहायता और अन्त्एष्टि...
More »बढ़ती बेरोजगारी के बीच-गिरीश मिश्र
नौजवानों के लिए इससे बड़ी त्रासदी क्या हो सकती है कि जब वह शारीरिक और मानसिक रूप से तैयार होकर उत्पादन के क्षेत्र में उतरने को तत्पर होता है, तब उससे कह दिया जाता है कि उसकी आवश्यकता नहीं है। ऐसे में उसका खुद पर गुस्सा लाजिमी है कि उसने अपने परिवार के संसाधनों का इस्तेमाल खुद को राष्ट्रीय उत्पादन में योगदान करने लायक बनाने के लिए व्यर्थ किया। मां-बाप...
More »बढ़ती बेरोजगारी के बीच- गिरीश मिश्र
नौजवानों के लिए इससे बड़ी त्रासदी क्या हो सकती है कि जब वह शारीरिक और मानसिक रूप से तैयार होकर उत्पादन के क्षेत्र में उतरने को तत्पर होता है, तब उससे कह दिया जाता है कि उसकी आवश्यकता नहीं है। ऐसे में उसका खुद पर गुस्सा लाजिमी है कि उसने अपने परिवार के संसाधनों का इस्तेमाल खुद को राष्ट्रीय उत्पादन में योगदान करने लायक बनाने के लिए व्यर्थ किया। मां-बाप...
More »रेहड़ी-पटरी वालों को न भूलें- भारत डोगरा
चारों तरफ से पड़े दबाव के कारण केंद्र सरकार ने रिटेल में एफडीआई का फैसला फिलहाल भले ही मुलतवी कर दिया है, लेकिन आज नहीं, तो कल वह इसे लागू करेगी ही। प्रासंगिक सवाल यह है कि बहुराष्ट्रीय कंपनियों को बुलाने वाली सरकार को आज रेहड़ी-पटरी वालों के प्रति अपनी जिम्मेदारी की याद भला कौन और कैसे दिलाए। पर सरकार को यह याद दिलाना जरूरी है, क्योंकि अर्थव्यवस्था में रोजगार सृजन के...
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