हाल में बिहार, झारखंड, सीबीएसइ और आइसीएससी बोर्ड के नतीजे आये हैं. साथ ही कई बच्चों के आत्महत्या करने की दुखद खबरें भी आयीं. ऐसी खबरें इसी साल आयीं हों, ऐसा नहीं हैं. ये खबरें साल-दर-साल आ रही हैं. दुर्भाग्य यह है कि अब ऐसी खबरें हमें ज्यादा विचलित नहीं करती हैं. कुछ दिन चर्चा होकर बात खत्म हो जाती है. गंभीर होती जा रही इस समस्या का कोई...
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अनसुनी रह जाती है जिनकी आवाज-- बद्रीनारायण
जनतंत्र में कुछ आवाजें हैं, जो ज्यादा सुनाई देती हैं। महानगर और शहर के बड़े तबके की आवाज तो जनतांत्रिक विमर्श में सुनी ही जाती है, कस्बों, राजमार्गों और मुख्य सड़कों के किनारे के गांवों की आवाज भी कई बार इसमें दर्ज हो जाती है। लेकिन जो अंतरे-कोने में पडे़ हैं, जो नदियों के किनारे के गांव हैं, जो दियारे में बसे गांव हैं, जो पहाड़ों की तलहटियों में और...
More »आश्रय गृहों का हाल खराब
पिछले दिनों राष्ट्रीय महिला आयोग की तीन सदस्यीय जांच टीम ने चार राज्यों के 26 महिला आश्रय गृहों का दौरा किया, जिनमें से 25 में अनियमितता पायी गयी. ये चार राज्य थे- उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक और ओड़िशा. ज्ञात हो कि इन आश्रय गृहों में वे महिलाएं होती हैं, जो यौन हिंसा के शिकार हों या छोड़ दी गयीं या अन्य प्रकार की पीड़िता. महिलाओं की बदतर स्थिति तथा...
More »कृषि व्यवस्था दुरुस्त करना जरूरी-- वरुण गांधी
कुछ महीने पहले 30,000 से ज्यादा किसानों ने एक लाख रुपये प्रति एकड़ की पूरी कृषि ऋण माफी के साथ 50,000 रुपये सूखा मुआवजे की मांग को लेकर ठाणे से मुंबई तक मार्च किया. इस समय नासिक और मराठवाड़ा जिले के अलग-अलग हिस्सों में कई गांवों को पानी की कमी (औसतन 30 फीसद) का सामना करना पड़ रहा है, जबकि यहां के किसान पहले से ही कम फायदेमंद खरीफ फसलों...
More »तेल का खेल अभी और चलेगा-- सौरभ चंद्र
तेल विश्व की राजनीति को सबसे ज्यादा प्रभावित करने वाली वस्तु है। इसकी वजहें भी हैं। तेल अर्थव्यवस्था के लिए जरूरी है, इसका अपना सैन्य महत्व है और कुछ इलाकों में ही इसके भंडार सिमटे हैं। यह अनुमान लगाना मुश्किल है कि आने वाले दिनों में तेल की कीमतें कितनी होंगी? क्योंकि तेल की दुनिया में अनिश्चितता ही निश्चित है। भू-राजनीति और भू-अर्थव्यवस्था में तेल का अव्वल स्थान है। इसका...
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