पिछले हफ्ते दो अलग-अलग राजनीतिक समूह यह दर्शाने की कोशिश करते नजर आए कि उन्हें वास्तव में किसानों के हितों की दूसरों से ज्यादा फिक्र है। इस संदर्भ में सबसे बड़ी घोषणा तो बेशक मोदी सरकार द्वारा खरीफ सीजन की फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में डेढ़ गुने इजाफे को लेकर की गई। वहीं दूसरी ओर कर्नाटक की जद(एस) व कांग्रेस की साझा सरकार ने अपने पहले बजट...
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चुनौतियों से जूझता मीडिया-- आशुतोष चतुर्वेदी
मीडिया के खिलाफ एकतरफा फैसला सुनाने वाले आपको बहुत से लोग मिल जायेंगे. मीडिया पर टीका-टिप्पणी करना एक फैशन-सा हो गया है, लेकिन हम सब के लिए यह जानना जरूरी है कि मीडियाकर्मी कितनी कठिन परिस्थितियों में अपने काम को अंजाम देते हैं. पिछले दिनों एक व्हाट्सएप मैसेज वायरल हुआ- पहले अखबार छप के बिका करते थे, अब बिक के छपा करते हैं. इस संदेश...
More »अब फसलों की सेहत की निगरानी करेंगे ड्रोन, जीपीएस से चलने वाले ट्रैक्टर जोतेंगे खेत
यी दिल्ली : आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के जमाने में फसलों की सेहत की निगरानी स्मार्ट ड्रोन के जरिये और खेतों की जुताई जीपीएस नियंत्रित स्वचालित ट्रैक्टरों से हो सकती है. साथ ही खेतों में कब और कितना कीटनाशक, उर्वरक का उपयोग करना है तथा मृदा को बेहतर बनाने के तरीके जैसी चीजों की जानकारी सही समय पर किसानों को आसानी से उपलब्ध हो सकती हैं. यह सब कृत्रिम मेधा (Artificial Intelligence)...
More »चंपारण से निकला रास्ता- राजू पांडेय
चंपारण सत्याग्रह नील की खेती करने वाले किसानों के अधिकारों के लिए संगठित संघर्ष के रूप में विख्यात है। इसके एक सदी बाद भी देश का किसान बदहाल है। 2010-11 के आंकड़ों के अनुसार, देश के 67.04 प्रतिशत किसान परिवार सीमांत हैं जबकि 17.93 प्रतिशत कृषक परिवार लघु की श्रेणी में आते हैं। सरकार ने संसद को राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण द्वारा जुलाई 2012 से जून 2013 के संदर्भ में संकलित...
More »पहला हक बिहार का है- मोहन गुरुस्वामी
मारी संसद इस सत्र में भी नहीं चल सकी. इस बार इसकी वजह यह मांग रही कि विभाजन के बाद के शेष बचे आंध्र प्रदेश को विशेष दर्जा दिया जाये. बिहार के लिए भी काफी दिनों से ऐसी ही मांग की जा रही है, जिसकी स्थिति आंध्र प्रदेश से बहुत भिन्न है. किसी राज्य को विशेष दर्जा देने की अवधारणा देश के विभिन्न क्षेत्रों के बीच समानता लाने के लिए...
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