आज से एक साल पहले भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में एक नया स्वर्णिम अध्याय जुड़ा. देश में दशकों बाद पूर्ण बहुमत की किसी सरकार को लगातार दूसरी बार जनता ने ज़िम्मेदारी सौंपी थी. इस अध्याय को रचने में आपकी बहुत बड़ी भूमिका रही है. ऐसे में आज का यह दिन मेरे लिए, अवसर है आपको नमन करने का, भारत और भारतीय लोकतन्त्र के प्रति आपकी इस निष्ठा को प्रणाम करने...
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कोरोना वायरस महामारी 2020 के अंत तक 8.6 करोड़ बच्चों को ग़रीबी में धकेल सकती है: रिपोर्ट
-द वायर, कोरोना वायरस महामारी से पैदा हुए आर्थिक संकट के कारण 2020 के अंत तक कम और मध्यम आय वाले देशों में गरीब घरों में रहने वाले बच्चों की संख्या 8.6 करोड़ तक बढ़ सकती है. जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के अनुसार इस वायरस से पूरी दुनिया में 5,837,541 लोग संक्रमित हुए हैं जबकि 360,919 लोगों की मौत हो चुकी है. यूनिसेफ और मानवतावादी संगठन ‘सेव द चिल्ड्रेन’ के संयुक्त अध्ययन में...
More »राजस्थान इस कठिन समय में अपने लोक कलाकारों का साथ देने के नाम पर उनके साथ मजाक क्यों कर रहा है?
-सत्याग्रह, जोधपुर के विश्व प्रसिद्ध लोक कलाकार सुगनाराम भोपा हताश हैं. ‘सिरकार (सरकार) हमे कैसे-कैसे बेइज्जत करती है? मैं अनपढ़ हूं. रावणहत्था बजाकर अपने बच्चों का पेट भरता हूं. मेरे पास ये झूंपड़ी हैं. सिरकार कह रही है कि लोक कलाकार वीडियो बनाकर भेजे. उनको 2500 रु मिलेंगे. मैं क्या करूं? न तो मेरे पास ऐसा फ़ोन है जो वीडियो बना सके ओर न ही मेरे को चलाने का पता’ वे...
More »खजाने का ताला खोलिए और जरूरतमंदों को राहत दीजिये : सोनिया गांधी
-सत्याग्रह, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मोदी सरकार से अपील की है कि वह कोरोना वायरस संकट के इस मुश्किल दौर में खजाने का ताला खोले और जरूरतमंदों को राहत दे. उन्होंने यह बात आज जारी एक वीडियो संदेश में कही. इस दौरान सोनिया गांधी ने ने प्रवासी मजदूरों को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना भी साधा. उन्होंने, ‘देश की आजादी के बाद पहली बार दर्द का वो मंजर सबने देखा...
More »गिर रही थी मोदी 2.0 की साख, कोविड-19 के कारण मिली राहत की सांस
-द क्विंट, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का एक साल मौन धूम धड़ाके के साथ पूरा हो रहा है, क्योंकि कोविड-19 महामारी ने इसकी मिश्रित कामयाबियों के दंभ को सीमित कर दिया है. कोरोना वायरस संकट से निपटने में सरकार ने जो अक्षमता, संवेदनहीनता और तानाशाही दिखाई है, और सरकारी उपेक्षा और अव्यवस्था के बीच लाखों की तादाद में अपने घर लौटते प्रवासी मजदूरों ने जो दर्दनाक पीड़ा झेली...
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