नई दिल्ली: मूडीज इनवेस्टर्स सर्विस ने बृहस्पतिवार को कहा कि कमजोर आर्थिक वृद्धि, सुस्त पड़ती कमाई से वर्ष 2020 में वित्तीय क्षेत्र को छोड़ दूसरे क्षेत्रों की ज्यादातर भारतीय कंपनियों की साख परिस्थितियां कमजोर बनी रहेगी. मूडीज़ इनवेस्टर्स सर्विस के उपाध्यक्ष और वरिष्ठ साख अधिकारी कोस्तुभ चौबाल ने कहा, ‘प्रमुख कंपनियों के क्रेडिट परिवेश में 2020- 21 के दौरान ज्यादा सुधार की उम्मीद नहीं लगती है. ऊंचा ऋृण स्तर, कमजोर मुनाफा...
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अर्थव्यवस्था की हालत सुधारने से पहले मोदी सरकार हमें यह सच बताए कि इसमें गड़बड़ क्या है
भारतीय अर्थव्यवस्था एक ऐसे दौर से गुजर रही है जिसमें किसी अच्छी खबर को ढूंढ पाना मुश्किल हो गया है. आर्थिक वृद्धि सुस्त हो गई है. निर्यात निरंतर घटता जा रहा है. खुदरे की महंगाई बढ़ती जा रही है. रोजगार के अवसर नहीं बढ़ रहे हैं. बैंक क्रेडिट ग्रोथ में गिरावट है. बिजली की खपत घट रही है. कर राजस्व काफी धीमी गति से बढ़ रहा है, बजट में लगाए...
More »इस साल कम वृद्धि का आधार ही आर्थिक सूखे की समाप्ति को सुनिश्चित करेगा
भारतीय रिज़र्व बैंक, विश्व बैंक, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष, विभिन्न रेटिंग एजेंसियां, निवेश बैंक और कई अन्य संस्थान आर्थिक वृद्धि के अपने पूर्वानुमानों में दनादन संशोधन कर रहे हैं. इनमें से लगभग सभी को इस वित्तीय वर्ष में भारत की जीडीपी वृद्धि दर छह प्रतिशत या इससे दशमलव एक या दो प्रतिशत कम-ज़्यादा रहने का भरोसा है. अधिकांश प्रेक्षक इस दर को निराशाजनक मानते हैं क्योंकि अभी कुछ ही दिन पहले...
More »ट्रैक्टरों की खरीद में कमी से जानिये बढ़ते ग्रामीण-संकट का हाल, इस न्यूज एलर्ट में
ट्रैक्टरों की खरीदारी का देश की अर्थव्यवस्था में आ रहे उतार-चढ़ाव से क्या रिश्ता हो सकता है ? अगर इस सवाल का जवाब जानने के लिए आपको जेहन पर ज्यादा जोर देना पड़ रहा हो तो इस न्यूज एलर्ट को ध्यान से पढ़िए और सोचिए कि ट्रैक्टरों की खरीदारी के जिस आंकड़े के सहारे अर्थशास्त्रियों का एक समूह देश की अर्थव्यवस्था की खुशहाली के निष्कर्ष निकाल रहा है, उन्हीं आंकड़ों...
More »अगली सरकार की बड़ी चुनौतियां -- अनिल गुप्ता
इस समय जब लोकसभा चुनाव की प्रक्रिया लगभग खत्म होने को है, तब अनेक मंत्रालयों को उन कार्यों की सूची बनाने के लिए कहा जाना चाहिए, जिनको भावी सरकार द्वारा पहले 100 दिनों में शुरू या पूरा कर लेना चाहिए। जो भी सरकार केंद्र की सत्ता में आए, उसे यह दिखाना होगा कि सामाजिक प्रभाव उसकी प्राथमिकता है। हम अभी मई के महीने में हैं और जून की शुरुआत या...
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