SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 98

अनाथों की जिंदगी में उजियारा लाता एक शख्स

घाटशिला [पूर्वी सिंहभूम] नक्सली हिंसा से सर्वाधिक प्रभावित घाटशिला में चारों तरफ दहशत है। यहा चप्पे -चप्पे पर अ‌र्द्वसैनिक बल के जवानों की आहट सुनने को मिल रही है, लेकिन इसी दहशतजदा माहौल के बीच एक शख्स ऐसा भी है जो दर-दर की खाक छानते हुए मानवता की अलख जगा रहा है। पिता से महज तीन रुपये नहीं मिल पाने के कारण स्कूल की पढ़ाई छोड़ देने वाले 46 वर्षीय काठा सिंह, घाटशिला से...

More »

शिक्षा है अनमोल रतन पढ़ने का सब करो जतन

रातू [चंद्रशेखर उपाध्याय]। सब पढ़ें, सब बढ़ें, यह उनकी दिली ख्वाहिश है। सो, सारी उम्र लगा दी शिक्षा के प्रचार-प्रसार में। वह कहते हैं, शिक्षा अनमोल रत्न है, पढ़ने-पढ़ाने का यत्न सभी को करना चाहिए। अलबत्ता, जीवन में ऐसे दिन भी आते हैं, जब हम हताश हो जाते हैं, परंतु यह परीक्षा की घड़ी होती है। हम बात कर रहे हैं रातू चट्टी के डा लक्ष्मण उरांव की, जिन्होंने तमाम विपरीत परिस्थितियों में मुकाम हासिल...

More »

वलनीः छब्बीस बरस की गवाही

यह कहानी है नागपुर तालुका के गांव वलनी के लोगों की। वलनी में उन्नीस एकड़ का एक तालाब है। वलनीवासी 1983 से आज तक वे अपने एक तालाब को बचाने के लिए अहिंसक आंदोलन चला रहे हैं। छब्बीस वर्ष गवाह हैं इसके। न कोई कोर्ट कचहरी, न तोड़ फोड़, न कोई नारेबाजी। तालाब की गाद-साद सब खुद ही साफ करना और तालाब को गांव-समाज को सौंपने की मांग। हर सरकारी...

More »

पत्थरों की खदानों से लौटा बचपन || बिदिसा फौजदार/शिरीष खरे ||

कभी बाल मजदूरी करने वाला महेन्द्र अब बच्चों के अधिकारों से जुड़ी कई लड़ाईयों का नायक है। महेन्द्र के कामों से जाहिर होता है कि छोटी सी उम्र में मिला एक छोटा सा मौका भी किसी बच्चे की जिंदगी को किस हद तक बदल सकता है। महेन्द्र रजक, इलाहाबाद जिले के गीन्ज गांव से है- जहां की भंयकर गरीबी अक्सर ऐसे बच्चों को पत्थरों की खदानों की तरफ धकेलती है। महेन्द्र...

More »

यहां ग्रामीण चलाते हैं रेलवे स्टेशन

बलवंतपुर। जयपुर से 146 किलोमीटर की दूरी पर स्थित बलवंतपुरा-चैलासी रेलवे स्टेशन पर पहुंचते ही हमारा सामना एक सुखद आश्चर्य से होता है। यह स्टेशन जन प्रयासों का बेमिसाल नमूना तो है ही, आजाद भारत का एकमात्र स्टेशन भी होगा, जिसे ग्रामीणों ने बनाया तो है ही, प्रबंधन और संचालन भी रेलवे नहीं बल्कि उन्हीं के हाथों में है। सुनियोजित तरीके से स्टेशन की बागडोर संभाल रहे ये हाथ झुंझुनूं के पांच ग्राम पंचायतों के हैं,...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close