न्यूज़लॉन्ड्री,09 अगस्त मनरेगा योजना के अंतर्गत काम करने वाले मजदूर दिल्ली में सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. उनका कहना है कि उन्हें कम काम, देरी से वेतन और कम वेतन के चलते उनकी जिंदगी दिन पर दिन बदहाल होती जा रही है. अलग-अलग प्रदेशों से आए मनरेगा के मजदूरों ने तीन दिन तक दिल्ली के जंतर-मंतर पर कम वेतन, वेतन भुगतान में देरी और काम की कमी को लेकर...
More »SEARCH RESULT
भारत में बच्चों में मोटापा बन सकता है महामारी
बीबीसी न्यूज़, 02 अगस्त भारत दुनियाभर में उम्र के मुक़ाबले छोटे क़द के बच्चों के मामले में बहुत पहले ही शीर्ष पर था. अब भारत में बच्चों में मोटापा चिंताजनक स्तर तक बढ़ गया है और विशेषज्ञों को आशंका है कि यदि इससे तुरंत नहीं निबटा गया तो ये महामारी का रूप भी ले सकता है. 14 साल के मिहिर जैन जब साल 2017 में व्हीलचेयर पर बैठकर दिल्ली के मैक्स अस्पताल...
More »पहले गेहूं, अब चावल- खराब मौसम की मार के कारण इस सीजन में ‘10 मिलियन टन’ तक गिर सकता है उत्पादन
दिप्रिंट , 27 जुलाई अप्रैल-मई में भीषण गर्मी के कारण देश में गेहूं की फसल खराब हो गई थी, जिसकी वजह से निर्यात पर प्रतिबंध लगाना पड़ा और अब मौजूदा खरीफ सीजन की मुख्य फसल चावल की बुवाई कई राज्यों में कम बारिश के कारण प्रभावित हुई है. उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और बिहार जैसे प्रमुख चावल उत्पादक राज्यों में इस मानसून के मौसम में अब तक कम बारिश हुई है, जबकि असम...
More »बिना किसी ट्रेवल हिस्ट्री के दिल्ली में मिला मंकीपॉक्स वायरस का पहला केस
दिप्रिंट,24 जुलाई राजधानी दिल्ली में मंकीपॉक्स वायरस का पहला केस मिला है. पश्चिमी दिल्ली में रहने वाले 32 वर्षीय व्यक्ति को मंकीपॉक्स पॉजिटिव पाया गया है. 32 वर्षीय व्यक्ति की मंकीपॉक्स के मरीज की कोई ट्रेवल हिस्ट्री नहीं है. मंकीपॉक्स वायरस को लेकर डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस अदनोम घेब्रेयियस ने कहा था कि मैंने तय किया है कि वैश्विक मंकीपॉक्स का प्रकोप अंतरराष्ट्रीय चिंता के मद्देनजर एक सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल बन गया...
More »कूड़ा बीनने से अमेज़ॉन तक: ट्रांसजेंडर संध्या की कहानी
न्यूज़लॉन्ड्री,24 जुलाई 21 वर्षीय संध्या का जन्म बिहार के नालंदा जिले के एक छोटे से गांव में हुआ था. उनकी परवरिश भी वहीं हुई. अन्य बच्चों की तरह ही पले-बढ़े ‘संदीप’ को 10वीं कक्षा में अपनी असली पहचान का अहसास हुआ, क्योंकि वे खुद को संध्या के रूप में पहचानने लगे थे. उनके लंबे बाल और हाथों के बढ़े नाखूनों को देखकर स्कूल में बच्चे और अध्यापक उन्हें अलग-अलग नामों से...
More »