इस चिलचिलाती गरमी में पानी का मुद्दा गरमाया हुआ है. जैसे-जैसे तापमान चढ़ रहा है और प्रमुख जलस्त्रोत सूखते जा रहे हैं, दिन-ब-दिन पीने के पानी को लेकर खून बहने लगा है. अपनी रोजमर्रा की जरूरत भी पूरी न होने से गुस्साएं प्रदर्शनकारी सड़कों पर निकल रहे हैं. आने वाले महीनों में, पानी की अनुपलब्धता सुर्खियों में रहने वाली है. जल संकट पिछले 15 सालों से खतरे की घंटी बज रही है,...
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बोतलबंद पानी का घातक कारोबार
नई दिल्ली [शेखर]। चढ़ते पारे ने पानी का संकट बढ़ा दिया है और पानी के संकट ने पानी के कारोबार को काफी मजबूत कर दिया है। जब सरकारी स्तर पर यह बात आने लगी कि पीने का साफ पानी नहीं मिल सकता है तो पानी के कारोबारियों के मन के हिसाब से माहौल बन गया। इसका नतीजा यह हुआ कि पानी से संबंधित कारोबारों में उफान आने लगा। इनमें सबसे ज्यादा कारोबार बढ़ा बोतलबंद पानी का।...
More »तरीका बदल बचाया 90 अरब लीटर पानी
सीकर. जिले के एक लाख किसानों ने जल संकट के दर्द को समझते हुए अपने सिंचाई के तरीके को बदल लिया है। इससे एक महीने में करीब 90 अरब लीटर पानी की बचत हो रही है। सिंचाई का तरीका बदलने के लिए आगे आ रहे किसानों को कृषि विभाग अनुदान भी दे रहा है। कृषि विभाग के अनुसार, जिलेभर में करीब ढाई लाख किसान हैं। इनमें से करीब एक लाख किसान फसलों की फव्वारा, बूंद-बूंद...
More »स्कूलों को प्यास-अंधेरे ने जकड़ा
देहरादून। सूबे के प्राइमरी से लेकर माध्यमिक के सैकड़ों स्कूलों को 'प्यास और अंधेरा' जकड़े हुए है। हजारों छात्र-छात्राओं पर गरमी ही नहीं, हर मौसम भारी गुजरता है। 12 हजार स्कूलों में बिजली का उजाला नहीं तो 1800 स्कूल प्यासे हैं। स्कूलों में बुनियादी सुविधाओं के आंकड़े गवाही दे रहे हैं कि नौनिहालों के बहुमुखी विकास से सूबे की शिक्षा करीबी रिश्ता कायम करना तो दूर, कोसों दूर नजर आ रही है। प्राइमरी से...
More »पत्ता चूसकर प्यास बुझा रहे हैं ग्रामीण
सिमरिया : लावालौंग प्रखंड के टिकदा टोला सुथाय गांव के लोग भीषण पेयजल संकट से जूझ रहे है. गांव वाले पत्ता चूसकर प्यास बुझा रहे हैं. सखुवा, आंवला का पत्ता चुस कर तरास मिटाते है. सुथाय गांव प्रखंड मुख्यालय से 25 किमी दूरी पर स्थित है. इस गांव के लोग सालोंभर मंहगी नाला से पानी पीते है. इन दिनों पड़ रही भीषण गरमी के कारण नाला सूख गया है. ग्रामीणों का...
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