नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। देश से निरक्षरता मिटाने में नाकाम रही सरकार को साक्षरता बढ़ाने के लिए अब सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों [पीएसयू] का सहारा मिल गया है। उपक्रमों ने कारपोरेट सामाजिक दायित्व [सीएसआर] के तहत पढ़ाई-लिखाई में न सिर्फ आगे बढ़कर पहल की बात कही है, बल्कि इसके लिए सरकार को तीन महीने के भीतर एक कार्यक्रम भी बनाकर देने का भरोसा दिया है। स्कोप की पहल पर बुधवार को यहां सरकारी कंपनियों के...
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स्कूलों को प्यास-अंधेरे ने जकड़ा
देहरादून। सूबे के प्राइमरी से लेकर माध्यमिक के सैकड़ों स्कूलों को 'प्यास और अंधेरा' जकड़े हुए है। हजारों छात्र-छात्राओं पर गरमी ही नहीं, हर मौसम भारी गुजरता है। 12 हजार स्कूलों में बिजली का उजाला नहीं तो 1800 स्कूल प्यासे हैं। स्कूलों में बुनियादी सुविधाओं के आंकड़े गवाही दे रहे हैं कि नौनिहालों के बहुमुखी विकास से सूबे की शिक्षा करीबी रिश्ता कायम करना तो दूर, कोसों दूर नजर आ रही है। प्राइमरी से...
More »बुद्धि की मंदी है : मुद्दों का न होना- पी साईनाथ
कम-से-कम दो प्रमुख अखबारों ने अपने डेस्कों को सूचित किया कि 'मंदी' (recession) शब्द भारत के संदर्भ में प्रयुक्त नहीं होगा। मंदी कुछ ऐसी चीज है, जो अमेरिका में घटती है, यहां नहीं. यह शब्द संपादकीय शब्दकोश से निर्वासित पडा रहा. यदि एक अधिक विनाशकारी स्थिति का संकेत देना हो तो 'डाउनटर्न' (गिरावट) या 'स्लोडाउन' (ठहराव) काफी होंगे और इन्हें थोडे विवेक से इस्तेमाल किया जाना है. लेकिन मंदी को नहीं. यह मीडिया के दर्शकों के...
More »कोपनहेगन की पुनरावृत्ति कानकुन में न हो
वाशिंगटन। पर्यावरण मंत्री जयराम रमेश ने जलवायु परिवर्तन संबंधी वार्ताओं पर विश्वास में बनी खाई को पाटने पर जोर दिया है। रमेश ने कहा कि कुछ प्रत्यक्ष कदम उठाने की जरूरत है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि कोपनहेगन की कानकुन में भी पुनरावृत्ति न हो। उन्होंने सुझाव दिया कि विकासशील देशों को जो 10 अरब डालर की वित्तीय मदद करने का वायदा किया गया है उसके भुगतान की शुरुआत से इन गंभीर मतभेदों को...
More »किसानों व कारपोरेट सेक्टर का गठजोड़ जरूरी
नई दिल्ली। राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने गांवों के विकास के लिए किसानों और कारपोरेट सेक्टर के गठजोड़ पर जोर दिया है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में ही खाद्य प्रसंस्करण और कृषि आधारित उद्योगों की स्थापना से कंपनियों और किसानों दोनों को लाभ होगा। वह योजना आयोग के एक समारोह में बोल रही थीं। राष्ट्रपति ने कहा कि ग्लोबल मंदी के बावजूद भारत के कम प्रभावित होने की वजह उसकी ग्रामीण आर्थिक व्यवस्था रही है,...
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