‘जो कुछ भी गोपनीय रखा जाता है, पूरी तरह बताया और समझाया नहीं जाता, अनेक प्रश्न अनुत्तरित रखकर किया जाता है; वह बाद में सड़ने लगता है। चाहे इस तरह किया गया न्याय ही क्यों न हो। - पुरानी कहावत मृत्युदंड दिया जाना चाहिए कि नहीं? प्रभावी और मेधावी लब्धप्रतिष्ठितों की स्पष्ट राय है - नहीं? उनके चार तर्क हैं : 1. क्योंकि यह तो ‘आंख के बदले अांख' का विकृत कानून हो...
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कुपोषण की शिकार बेटी का गला घोंटा फिर खुद ने लगाई फांसी
गोहद (भिंड)। कुपोषण की शिकार 5 साल की बेटी का इलाज नहीं करा पा रहे पिता ने गला घोंटकर हत्या कर दी। फिर खुद भी फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। हादसे के समय बच्ची की मां मायके में थी। घटना हनुमंतपुरा (गोहद) में मंगलवार दोपहर 2 बजे की है। हनुमंतपुरा के दामोदर जगदीश गोले (30) ने मंगलवार सुबह करीब 9 बजे 5 साल की बेटी मानसी का गला घोंटकर हत्या कर...
More »फांसी के खिलाफ नागपुर जेल में 50 नक्सली अनशन पर
विनय दलवी (मिड-डे), नागपुर। केंद्रीय कारागार नागपुर में बंद करीब 50 नक्सली याकूब मेमन की फांसी के विरोध में भूख हड़ताल पर चले गए हैं। जबकि जेल अधिकारी याकूब को फांसी देने की तैयारी में व्यस्त हैं। नागपुर जेल में आजादी के बाद फांसी देने का यह 24वां मामला होगा। जेल अधिकारियों ने पीडब्ल्यूडी से एक शेड और फांसी देने के लिए एक प्लेटफार्म बनाने को कहा है। एक अधिकारी ने...
More »अवकाश के दिन भी खटखटा सकते हैं कोर्ट का दरवाजा, मिलेगा न्याय
पीयूष बाजपेयी, जबलपुर। आमतौर पर सभी को ये मालूम है कि अवकाश वाले दिन हाईकोर्ट बंद रहता है, लेकिन न्याय अवकाश वाले दिन भी किए जाते हैं। यदि आप चाहें तो अवकाश के दिन भी कोर्ट का दरवाजा खटखटाकर न्याय पा सकते हैं। ताजा उदाहरण तहसील भवन को तोड़े जाने से जुड़ा है। सुबह 11 बजे तहसीली भवन का एक हिस्से को तोड़े जाने की कार्रवाई बीच में रोकना पड़ गई।...
More »भारत में हर साल 186 को मौत की सजा
मल्टीमीडिया डेस्क। भारत सहित दुनिया के कई देशों में सजा-ए-मौत पर बहस जारी है। लेकिन भारतीय अदालतों ने 1998 से 2013 के बीच कुल 2,052 लोगों को मौत की सजा सुनाई है। गुरुवार को जारी एक रिपोर्ट में यह जानकारी सामने आई है। इसके बाद कॉमनवेल्थ ह्यूमन राइट्स इनिशिटिव ने कहा कि इस रिपोर्ट से यह जाहिर होता है कि इन 15 वर्षों में हर साल औसतन 186 लोगों को मौत...
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