भोपाल, 13 अप्रैल (एजेंसी) मध्यप्रदेश में पिछले दस सालों में बाल विवाह के प्रकरणों में 87 प्रतिशत की कमी आई है। यह खुलासा हाल ही में प्रकाशित भारत सरकार की सेम्पल रजिस्ट्रेशल सर्वे रिपोर्ट 2010 .ंएसआरएस सर्वे.ं में किया गया है। रिपोर्ट के अनुसार मध्यप्रदेश में वर्ष 2001 में 25.3 प्रतिशत की तुलना में वर्ष 2010 में केवल 3.3 प्रतिशत बालिकाओं के बाल विवाह .ं18 वर्ष से कम उम्र...
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मुंगेर की इस महिला ने मुंबई में बजा डाला बिहार का डंका
मुंगेर.मुम्बई के सांताक्रूज स्थित हयात ग्रांड होटल में विगत शनिवार को बिहार के मुंगेर जिले के धरहरा की की जया देवी को जब वॉलीवुड की डीमगर्ल हेमा मालिनी ने 'ग्रीन वूमेन' ट्रॉफी देकर सम्मानित किया तो उसकी आंखें ख़ुशी से डबडबा गयीं। यह ट्रॉफी जाया को सीएनएन-आईबीएन चैनल की ओर से प्रदान की गयी। गौरतलब है कि चैनल हर साल सामाजिक क्षेत्र में विशेष कार्यों के लिए खास लोगों को सम्मानित करता...
More »गरीब परिवारों की 33 हजार बेटिया की बसी गृहस्थी
रायपुर। छत्तीसगढ़ में पिछले सात साल में मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत करीब 33 हजार बेटियो की शादी की गई है। आधिकारिक सूत्रों ने बुधवार को यहा बताया कि महिला व बाल विकास विभाग द्वारा छत्तीसगढ़ में संचालित मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत अब तक करीब 33 हजार बेटिया विवाह के बंधन में बंध चुकी हैं। इन बेटियों का विवाह महिला और बाल विकास विभाग व समाज सेवी संस्थाओं...
More »गोदान : किसान की शोकगाथा--- . गोपाल प्रधान
‘गोदान’ के प्रकाशन के 75 साल पूरे हो गए हैं लेकिन भारत का देहाती जीवन आज भी लगभग उन्हीं समस्याओं और चुनौतियों से घिरा दिखता है जिनका वर्णन मुंशी प्रेमचंद के इस कालजयी उपन्यास में हुआ है. गोपाल प्रधान का आलेख सन 1935 में लिखे होने के बावजूद प्रेमचंद के उपन्यास 'गोदान' को पढ़ते हुए आज भी लगता है जैसे इसी समय के ग्रामीण जीवन की कथा सुन रहे हों....
More »जीने के लिए जूझते महात्मा फुले के परिजन
पुणे. देश में छात्राओं के लिए पहला स्कूल शुरू करने वाले महात्मा ज्योतिबा फुले को सरकार और समाज के साथ जो संघर्ष उस समय करना पड़ा कमोवेश वैसा ही संघर्ष आज उनके परिजनों को करना पड़ रहा है। अंतर सिर्फ इतना कि तब उन्होंने समाज को नई राह दिखाने के लिए किया था और उनके परिजन बेहतर जिंदगी के लिए कर रहे हैं। महात्मा फुले के पड़ पोते दत्तात्रेय होले की बहू...
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