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पंजाब में प्रवासी मज़दूरों को बंधुआ बनाने के दावों में कितनी सच्चाई?

-न्यूजक्लिक, भारत के गृह मंत्रालय ने पंजाब के मुख्य सैक्रेटरी और डायरेक्टर जनरल ऑफ़ पुलिस को 17 मार्च को लिखी चिट्ठी में कहा है कि पंजाब के सरहदी जिलों में प्रवासी मज़दूरों को नशे की लत लगाकर उनसे बंधुआ मज़दूरी करवाई जाती है। चिट्ठी में यह भी लिखा है, “मज़दूरों से ज्यादा काम करवाने के बाद भी मेहनताना नहीं दिया जाता। पंजाब के सरहदी जिलों में काम कर रहे मज़दूरों में...

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लेबर कोड के विरोध में ट्रेड यूनियनों का देशव्यापी प्रदर्शन, जंतर-मंतर पर जलाई प्रतियां

-न्यूजक्लिक, केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के राष्ट्रीय मंच ने केंद्र की भाजपा सरकार द्वारा लाए गए लेबर कोडों के ख़िलाफ़ किया देशव्यापी विरोध प्रदर्शन। केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के आव्हान पर दिल्ली में भी एक अप्रैल को विवादित लेबर कोड और सरकारी और पब्लिक सेक्टर के निजीकरण, निगमीकरण, रोजगार व असंगठित श्रमिकों पर बढ़ते हमलों, कृषि कानूनों एवं महंगाई के खिलाफ जंतर मंतर नई दिल्ली पर विरोध प्रदर्शन किया और लेबर कोड़ों की...

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ग्राउंड रिपोर्ट: ‘लॉकडाउन ने हमें बर्बाद कर दिया, स्थिति नहीं बदली तो आत्महत्या करनी पड़ेगी’

-न्यूजलॉन्ड्री, ‘‘10 दिन हो गए हैं काम नहीं मिला. आज भी सुबह सात बजे यहां आ गया था, लेकिन अब दस बज गए. एक-दो घंटे और इंतज़ार करेंगे फिर कमरे पर चले जाएंगे.’’ यह कहना है पश्चिम बंगाल के मालदा जिले के रहने वाले 22 वर्षीय सुखसागर मंडल का. लॉकडाउन लगने के बाद मंडल आठ दिन पैदल चलकर अपने घर पहुंचे थे. इनसे हमारी मुलाकात नोएडा के हरौला मार्केट स्थित लेबर...

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इंटरव्यू- कृषि कानूनों को मोदी सरकार ने नाक का सवाल बनाया, बीजेपी को होगा 80 से ज्यादा सीटों का नुकसानः हनुमान बेनीवाल

-गांव कनेक्शन, ष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के संयोजक और नागौर लोकसभा सीट से सांसद हनुमान बेनीवाल एक किसान नेता के तौर जाने जाते हैं। केन्द्र सरकार के तीनों कृषि कानूनों के विरोध में बेनीवाल ने एनडीए गठबंधन से भी नाता तोड़ लिया। संसद की जिन तीन समितियों में शामिल थे, उनसे भी इस्तीफा दे दिया। इसके बाद बेनीवाल शाहजहांपुर बॉर्डर पर किसान आंदोलन को सपोर्ट कर रहे हैं। उनका कहना है कि...

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मोदी सरकार के आने बाद से नहीं हुआ किसानों की आमदनी का सर्वे

-न्यूजलॉन्ड्री, एक तरफ जहां केंद्र सरकार साल 2022 तक किसानों की आमदनी दोगुनी करने की बात कर रही है वहीं दूसरी तरफ साल 2013 के बाद से राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) ने किसानों की आय को लेकर अपनी रिपोर्ट प्रकाशित नहीं की है. यानी नरेंद्र मोदी के सत्ता में आने के बाद से किसानों की आमदनी को लेकर कोई सर्वेक्षण नहीं किया गया है. बीते 8 फरवरी को कई सांसदों ने सामूहिक...

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