-कारवां, 15 अगस्त की सुबह ब्रिटेन के प्रवासी भारतीय के एक दल ने लंदन के वेस्टमिंस्टर ब्रिज में भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के इस्तीफा की मांग वाला बैनर लटका कर प्रदर्शन किया. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने भारतीय उच्चायोग के बाहर मोमबत्तियां जलाकर मोदी शासन के पीड़ितों को याद किया. कार्यक्रम के आयोजकों में से एक दक्षिण एशिया सॉलिडेरिटी ग्रुप के मुक्ति शाह ने इस कार्रवाई के बारे में बताया कि “भारत अपना 75वां...
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आज़ादी@75: आंदोलन के 74 बरस और नई उम्मीद और नया रास्ता दिखाता किसान आंदोलन
-न्यूजक्लिक, आज जब हम अपनी आजादी की 74वीं वर्षगांठ और 75वां दिवस मना रहे हैं, संविधान सभा के अंतिम भाषण में डॉ. आंबेडकर द्वारा दी गयी चेतावनी बेहद प्रासंगिक है जिसमें उन्होंने कहा था कि देश एक अन्तरविरोधों भरे दौर में प्रवेश कर रहा है, हम एक राजनीतिक लोकतंत्र तो बन गए लेकिन सामाजिक लोकतंत्र कायम न हुआ तो यह राजनीतिक लोकतंत्र भी खतरे में पड़ जायेगा। इन 74 वर्षों में देश...
More »पेगासस खुलासों पर नरेंद्र मोदी और इमैनुएल मैक्रों की भिन्न प्रतिक्रियाओं के क्या अर्थ हैं
-द वायर, अगाथा क्रिस्टी ने लिखा है : ‘जुर्म छिपाए नहीं छिपता है. अपने तरीकों को बदलने की चाहे जितनी कोशिश करो, जो कि तुम करोगे, तुम्हारी पसंद, तुम्हारी आदतें, तुम्हारा रवैया और तुम्हारी आत्मा को तुम्हारे कदम जाहिर कर ही देते हैं. पिछले महीने पेगासस प्रोजेक्ट- एक अंतरराष्ट्रीय मीडिया कंसोर्टियम, द वायर जिसका एक हिस्सा है- ने दुनियाभर में सरकारों द्वारा विश्व नेताओं, विपक्षी राजनीतिज्ञों, पत्रकारों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं को सैन्य श्रेणी के...
More »6 साल में 15 करोड़ विमुक्त घुमंतू आबादी को मिला पीएम मोदी की एक विदेश यात्रा के खर्च से भी कम बजट!
-गांव सवेरा, 2019-20 में सामाजिक न्याय मंत्रालय के 8 हजार 885 करोड़ के बजट में से विमुक्त घुमंतू जनजातियों के हिस्से केवल 10 करोड़ तो वहीं 2020-21 में मंत्रालय के 10 हजार 103 करोड़ के बजट में से डीएनटी को केवल 11.24 करोड़ का बजट दिया गया. देश में विमुक्त घुमंतू एवम अर्धघुमंतू जनजातियों की आबादी 15 करोड़ के आस-पास है. विकास के दृष्टिकोण से विमुक्त घुमंतू और अर्धघुमंतू जनजातियां देश का...
More »कोरोना के लड़ के जनता की इम्यूनिटी बढ़ चुकी है, PM लाल किले से क्या बात करेंगे?
-जनपथ, देश की एक सौ पैंतीस करोड़ जनता को पचहत्तरवें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री द्वारा लाल क़िले की प्राचीर से दिये जाने वाले भाषण को सुनने की तैयारी प्रारम्भ कर देना चाहिए। प्रधानमंत्री का पिछला सम्बोधन कोरोना की दूसरी लहर के बीच हुआ था। हमें ख़ासा अनुभव है कि उस वक्त हमारे हालात क्या थे और हम सब कितने बदहवास थे! मोदी जी का यह भाषण तीसरी लहर की...
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