धनबाद : यह नगर निगम है. यहां जन्म प्रमाण पत्र से लेकर मृत्यु प्रमाण पत्र तक में रिश्वतखोरी का बोलबाला है. जन्म प्रमाण पत्र के लिए दस रुपया सरकारी फीस है जबकि मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए कोई फीस नहीं है. लेकिन कर्मी जैसा पार्टी वैसी कीमत वसूलते हैं. घड़ी की सूई की तरह पैसा बढ़ता है. अगर 24 घंटे के अंदर प्रमाण पत्र चाहिए तो मोटी रकम लगती है. नगर...
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भ्रष्टाचारियों को बेनकाब करने वालों को 50 हजार
राज्य सरकार भ्रष्टाचार के मामलों उजागर कर इसमे लोकसेवकों को बेनकाब करने वाले आम लोगों को 50 हजार तक की पुरस्कार राशि प्रदान करेगी। लोकसेवकों के दायरे में विधायक, सांसद व अधिकारी सभी आते हैं। पुरस्कार प्रदान करने के लिए गुप्त सेवा कोष व पुरस्कार कोष का निगरानी विभाग में गठन हो चुका है। मंगलवार को जनता दरबार के बाद संवाददाताओं से बातचीत करते हुए श्री मोदी ने कहा कि...
More »किसान से रिश्वत लेते तहसीलदार गिरफ्तार
जगदलपुर/रायपुर.साठ वर्षीय बुजुर्ग किसान से रिश्वत मांगना जगदलपुर के तहसीलदार ओपी धाभाई को महंगा पड़ गया। किसान विश्वनाथ सेठिया की शिकायत पर एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी)की रायपुर से आई टीम ने तहसीलदार को दस हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। आज की रात तहसीलदार को हवालात में गुजारनी पड़ेगी। बुधवार को फिर उन्हें कोर्ट में पेश किया जाएगा। एसीबी के डीएसपी डीएस नेगी ने बताया कि घाटपदमूर पंचायत...
More »बाबा के आंदोलन के मुद्दे- वेदप्रताप वैदिक
भ्रष्टाचार के विरुद्ध बाबा रामदेव जो मोर्चा लगा रहे हैं, वह एक बेमिसाल घटना होगी। यदि दिल्ली में एक लाख और देश में एक करोड़ से भी ज्यादा लोग अनशन पर बैठेंगे तो इसके मुकाबले की घटना हम कहां ढूंढेंगे? यह सबसे बड़ा अहिंसक सत्याग्रह होगा। इसका उद्देश्य जनता व शासन दोनों को भ्रष्टाचार के विरुद्ध कटिबद्ध करना है। यदि आंदोलन सिर्फ सरकार के विरुद्ध होता तो उसे शुद्ध राजनीति माना जाता, लेकिन...
More »नवजात का शव रखकर पैसे मांगता रहा डॉक्टर
उदयपुर.उदयपुर के मादड़ी गांव के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में मंगलवार को जो हुआ, उसने डॉक्टरी पेशे को शर्मसार कर दिया। डॉक्टर ने प्रसव के लिए तय किए 500 रु. नहीं मिलने पर मृत पैदा हुए नवजात का शव परिजनों को देने से मना कर दिया। वे करीब 18 घंटे तक डॉक्टर के सामने गिड़गिड़ाते रहे, लेकिन उसका दिल नहीं पसीजा। आखिर परिजनों ने भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) की शरण ली। तब कहीं...
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