पिछले महीने की 22 तारीख़ को ओडिशा में आयोजित कार्यक्रम में एक सार्वजनिक मंच से ओडिशा का अतिरिक्त प्रभार संभाल रहे बिहार के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा था, ‘मुझे यह साझा करते हुए खुशी हो रही है कि ओडिशा के विश्वविद्यालय बिहार के विश्वविद्यालयों से बेहतर कर रहे हैं. बिहार में शिक्षा व्यवस्था में माफिया राज है. परीक्षाएं उचित तरीके से नहीं होती हैं और अकादमिक कैलेंडर भी नहीं...
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नहीं थम रहा सुपेबेड़ा में किडनी की बीमारी से ग्रामीणों की मौत का सिलसिला
शुभम भटनागर, देवभोग। गरियाबंद जिले की यह सीट कई तरह की समस्याओं से ग्रस्त है। इस बार सुपेबेड़ा में किडनी की बीमारी से हो रही मौत का सिलसिला, नेशनल हाइवे का अधूरा निर्माण व बिजली चुनावी समर में बड़ा उलटफेर कर सकते हैं। हालांकि जिला प्रशासन की टीम सुपेबेड़ा में इलाज के लिए डटी हुई है। स्कूलों में शिक्षकों की कमी बरकरार है। गांवों में खेतों को पानी नहीं मिल रहा...
More »शिक्षा की चिंताजनक स्थिति-- आशुतोष चतुर्वेदी
किसी भी देश की आर्थिक और सामाजिक प्रगति उस देश की शिक्षा पर निर्भर करती है. शिक्षित समाज ही आगे बढ़ता है. अच्छी शिक्षा के बगैर बेहतर भविष्य की कल्पना नहीं की जा सकती. अगर देश की शिक्षा नीति अच्छी है, तो उस देश को आगे बढ़ने से कोई रोक नहीं सकता. अगर शिक्षा नीति अच्छी नहीं होगी, तो विकास की दौड़ में वह देश पीछे...
More »अब तो थमे रुपए की फिसलन - डॉ. भरत झुनझुनवाला
पिछले दो साल से रुपए का मूल्य लगभग 64 रुपए प्रति डॉलर पर स्थिर रहा है, लेकिन पिछले दो महीनों में यह फिसलकर 68 के स्तर पर पहुंच गया है। यानी डॉलर के सामने रुपया कमजोर हो गया है। जैसे एक डॉलर के बदले पहले यदि 64 पेंसिल मिलती थीं, तो अब 68 मिलने लगी हैं। इसका अर्थ हुआ कि पेंसिल का मूल्य कम हो गया है। विश्लेषकों का मानना...
More »रोजगार और सामाजिक सुरक्षा-- अनुज लुगुन
मई दिवस का सप्ताह श्रमिकों के संघर्ष के इतिहास, उनके अधिकार और भविष्य में उनकी स्थिति के विश्लेषण, बहस और नारेबाजी का सप्ताह बन जाता है. ‘दुनिया के मजदूरों एक हो' के बुलंद नारों के साथ यह धीरे-धीरे अगले मई दिवस तक के लिए गुम हो जाता है. श्रम और उसके मूल्य का संबंध मानव समाज के इतिहास के साथ जुड़ा हुआ है. विभिन्न समय में यह अलग-अलग रूपों...
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