-न्यूजक्लिक, झारखंड की राजधानी रांची से सटा आदिवासी बाहुल्य खूंटी ज़िले का इलाका एक बार फिर अशांत सा होने लगा है। वजह है प्रशासन द्वारा आदिवासी गांवों का जबरन ड्रोन सर्वे कराया जाना। जिसे लेकर पूरे इलाके के आदिवासियों में काफी भ्रम और आशंकाएं बढ़ रहीं हैं। गौरतलब है कि इसी खूंटी जिला और इसके आसपास के इलाकों में एक समय माओवादी हिंसा रोकने के नाम पर उनकी धर-पकड़ व उनका लोकेशन...
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क्यों चंपारण और खेड़ा के किसान आंदोलनों से बड़ा है मौजूदा किसान आंदोलन
-रूरल वॉइस, आज यानी 11 दिसंबर को गुरू ग्रंथ साहिब के पाठ और हवन के बाद किसान दिल्ली की सीमाओं पर लगे मोर्चों से अपने घरों को वापसी करेंगे। 378 दिन चला किसान आंदोलन देश और दुनिया के इतिहास में एक ऐसा मुकाम बना चुका है जिसके दोहराये जाने की कल्पना अभी संभव नहीं है। केंद्र सरकार द्वारा जून, 2020 में अध्यादेशों के जरिये लाये गये तीन नये कृषि कानूनों के...
More »बिहार: आजादी के 74 साल के बाद भी पंचायत चुनाव में राशन का मुद्दा
-गांव कनेक्शन, बिहार के सहरसा जिले के बीरगांव पंचायत के वार्ड नंबर-4 के डोम टोली में लगभग 75 परिवार रहते हैं, जिसमें 30-35 परिवारों के पास राशन कार्ड नहीं हैं। इसमें सभी लोग डोम यानी महादलित समुदाय से आते हैं। बिहार में राशन कार्ड के मामले में पिछड़ेपन का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि बीरगांव पंचायत के वार्ड नम्बर-4 में खड़े हुए 7 वार्ड मेंबर सदस्यों में...
More »अधिक बच्चे पैदा करने की शक्तियों जैसे जुमलों से गुमराह होने वाले मतदाताओं को इससे संबंधित आधिकारिक डेटा जरूरी देखने चाहिए!
अन्य धार्मिक समुदायों के पुरुषों की तुलना में मुस्लिम पुरुषों द्वारा बच्चे पैदा करने को अक्सर एक राजनैतिक प्रोपैगेंडा के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है और चुनाव से ठीक पहले भारतीय बहुसंख्यक हिंदुओं से वोट प्राप्त करने के लिए एक विभाजनकारी प्रोपैगेंडा बनाया जाता है. मानव विकास, रोजगार सृजन, और गरीबी में कमी जैसे सकारात्मक एजेंडे पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय, चुनावों से ठीक पहले राजनीतिक अभियान अक्सर...
More »वैश्विक महामारी कोरोना में शिक्षा से जुड़ी इन चर्चित घटनाओं ने खींचा दुनिया का ध्यान
-न्यूजक्लिक, इस वर्ष वैश्विक महामारी के दौरान कुछ देशों में स्कूली शिक्षा से जुड़ी चर्चित घटनाएं घटीं, जो कहीं रोचक बहस तो कहीं चिंता का सबब बन गईं। बात शुरू करते हैं हांगकांग से, जहां स्कूल परिसरों में बच्चों द्वारा किए जाने वाले राजनीतिक गीत-संगीत के आयोजन को लेकर वहां की सरकार और विशेष तौर पर शिक्षा मंत्रालय ने सख्त आपत्ति जताई थी और कहा था कि स्कूली बच्चों को चाहिए...
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