द वायर हिंदी, 14 जुलाई विश्व आर्थिक मंच की वार्षिक लैंगिक अंतराल रिपोर्ट 2022 के मुताबिक, कुल 146 देशों के सूचकांक में सिर्फ 11 देश ही भारत से नीचे हैं. अफ़ग़ानिस्तान, पाकिस्तान, कांगो, ईरान और चाड सूची में सबसे निचले पायदान वाले पांच देशों में शामिल हैं. हालांकि स्वास्थ्य एवं जीवन प्रत्याशा सूचकांक में भारत का स्थान 146वां है. विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) की एक रिपोर्ट में भारत को लैंगिक समता (Gender...
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जेंडर
खास बात साल 2001 की जनगणना के अनुसार भारत में कुल श्रमशक्ति की तादाद 40 करोड़ है जिसमें 68.37 फीसद पुरुष और 31.63 फीसद महिला कामगार हैं। @ तकरीबन 75.38% फीसद महिला श्रमशक्ति खेती में लगी है। @ एफएओ के आकलन के मुताबिक विश्वस्तर पर होने वाले कुल खाद्यान्न उत्पादन का 50 फीसद महिलायें उपजाती हैं। # साल 1991 की जनगणना के अनुसार 1981 से 1991 तक पुरुष खेतिहरों की संख्या में 11.67 फीसदी की बढोतरी...
More »महामारी के समय में बजट और राजनीति
-आइडियाज फॉर इंडिया, हाल ही में वर्ष 2022-23 के लिए घोषित बजट को राजनीतिक अर्थव्यवस्था के चश्मे से देखते हुए, यामिनी अय्यर तर्क देती हैं कि महामारी के दौरान घोषित किये गए दोनों बजटों में कल्याण से ज्यादा पूंजीगत व्यय पर दिया गया जोर "बाजार के अनुकूल सुधारों" की ओर राजनीतिक आख्यान में बदलाव का सिलसिला मात्र है जो 2019 में मोदी सरकार के फिर से चुने जाने के साथ शुरू...
More »गुमराह करने वाले हैं देश के श्रम में महिलाओं की भागीदारी के सरकारी आंकड़े
-कारवां, दुनिया भर के देशों में हुए हाल के अध्ययनों में कोविड-19 महामारी के महिलाओं के जीवन पर पड़े विषम प्रभावों का पता चलता है. हालांकि पुरुषों और महिलाओं, दोनों के ही लिए रोजगार के अवसर कम हुए हैं और रोजगार की क्वालिटी भी गिरी है, लेकिन श्रम बाजार में महिलाओं की स्थिति मर्दों के मुकाबले पहले से कहीं अधिक असुरक्षित हुई है. विश्व आर्थिक मंच की “दि ग्लोबल जेंडर गैप रिपोर्ट...
More »लॉकडाउन के दौरान स्वास्थ्य सुविधाओं से वंचित रह गई थी स्लमों में रहने वाली दो-तिहाई किशोर बच्चियां
-डाउन टू अर्थ, लॉकडाउन के दौरान दिल्ली, बिहार, महाराष्ट्र और तेलंगाना के शहरों में करीब 68 फीसदी किशोर बच्चियों को स्वास्थ्य और पोषण संबंधी सेवाएं और सुविधाएं नहीं मिल पाई थी। यह जानकारी 02 मार्च 2022 को सेव द चिल्ड्रन द्वारा जारी रिपोर्ट ‘वर्ल्ड ऑफ इंडियाज गर्ल्स (विंग्स) 2022’ में सामने आई है। इतना ही नहीं लॉकडाउन के बाद (नवंबर 2020 से जनवरी 2021) भी करीब 51 फीसदी से ज्यादा बच्चियों...
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