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एक सप्‍ताह में आवश्‍यक वस्‍तुओं की कीमत में 80 फीसदी तक उछाल, दूध के बाद इस प्रोडक्‍ट के बढ़े दाम

जनसत्ता, 17 अक्टूबर अक्‍टूबर महीने के दौरान बहुत से आवश्‍यक चीजों के कीमतों में तेजी से उछाल आया है। द फ्री प्रेस जर्नल की एक रिपोर्ट के अनुसार, देश में आवश्‍यक वस्‍तुओं की कीमतों में पिछले एक हफ्ते के दौरान 60 से लेकर 80 फीसदी तक बढ़ोतरी हुई है। साथ ही रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि आने वाले दिनों में यानी कि नवंबर के शुरुआती हफ्ते में इन...

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क्या बायो-सीएनजी बन सकता है भारत के नवीन ऊर्जा के भविष्य का एक प्रभावशाली विकल्प?

मोंगाबे हिंदी, 17 अक्टूबर इस साल अगस्त के महीने में पंजाब सरकार ने घोषणा की कि राज्य में संपीडित (कंप्रेस्ड) बायोगैस (सीबीजी) का व्यावसायिक उत्पादन संगरूर के भुट्टन कलन नाम के गांव से बड़े पैमाने में शुरू हो गया है। प्रतिदिन 33.23 टन की उत्पादन क्षमता वाले इस प्लांट को एशिया में सीबीजी का सबसे बड़ा प्लांट बताया जा रहा है। इसी के साथ पंजाब ऊर्जा विकास एजेंसी (PEDA) ने 42...

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प्रकृति का बदलता मिजाज: किसानों पर पड़ रहा भारी

गाँव कनेक्शन, 17 अक्टूबर प्रकृति का बदलता स्वरूप प्रलयकारी सिद्ध हो रहा है। साल दर साल अतिवृष्टि की घटनाएं बढ़ती चली जा रहीं हैं। दुनियां के अधिकांश देशों में कुदरत के प्रलयकारी रौद्र रूप की खबरें पढ़ने, सुनने और देखने को मिल रहीं हैं। प्रकृति से जुड़ी यह ऐसी घटनाएं हैं, जिनको रोक पाना मनुष्य के बस में नहीं हैं। लेकिन इन घटनाओं के लिए जिम्मेदार ज्यादातर मनुष्य ही है। पिछले...

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एचटीबीटी कॉटन और जीएम सरसों को मंजूरी की तैयारी, 20 साल बाद मिलेगी किसी जीएम फसल को स्वीकृति

रूरल वॉयस, 17 अक्टूबर देश में बीस साल बाद जेनेटिकली मॉडिफाइड (जीएम) फसलों के व्यावसायिक उत्पादन की मंजूरी मिल सकती है। यह फसलें हैं- हर्बिसाइड टॉलरेंट बीटी कॉटन जिसे एचटीबीटी कॉटन कहा जाता है, और जीएम सरसों की किस्म। उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक इन दोनों फसलों के व्यावसायिक उत्पादन की मंजूरी का रास्ता लगभग साफ हो गया है। अब जेनेटिक इंजीनियरिंग अप्रेजल कमेटी (जीईएसी) की मंजूरी की औपचारिकता ही बाकी...

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कश्मीर के झरनों का महत्त्व और उनके संरक्षण की आवश्यकता

मोंगाबे हिंदी, 17 अक्टूबर नूरा, कश्मीर में श्रीनगर के बुर्जमा क्षेत्र में स्थित एक स्थानीय झरने ‘अस्तन नाग’ के पास घूम रही हैं। वह कुछ देर रुकती हैं और झरने की ओर जाने लगती हैं। यह उनकी दिनचर्या का हिस्सा है। अंजुली भर पानी पीते हुए वह कहती हैं, “इस झरने के पाक (साफ़) होने के बारे में बताने के लिए इसका नाम ही काफी है। अस्तन का मतलब तीर्थ, और...

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