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एमए पास मुखिया के अनुभव का पंचायत को मिल रहा लाभ

स्थानीय निकायों के चुनाव में महिलाओं के लिए 50 प्रतिशत आरक्षण वरदान से कम नहीं है. जरूरत है इसको सार्थक करने की. जिले के दरौंदा प्रखंड की बगौरा पंचायत इसका उदाहरण है. अंगरेजी से एमए पास मीरा ठाकुर यहां की मुखिया हैं. दो बार से लगातार मुखिया का चुनाव जीत रही हैं. अपने दोनों कार्यकालों में इनके द्वारा किये गये विकास कार्य नजीर हैं. इन्होंने साक्षर भारत योजना के अंतर्गत निरक्षर महिलाओं...

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अपनी भाषाओं का विस्थापन-मृणालिनी शर्मा

जनसत्ता 12 मार्च, 2013: आखिर संघ लोक सेवा आयोग पर अंग्रेजी का झंडा फहर ही गया। 2013 में संघ की भारतीय प्रशासनिक और अन्य केंद्रीय सेवाओं में भर्ती के लिए सिविल सेवा परीक्षा के रूप में होने वाली संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा से भारतीय भाषाओं का परचा आखिर गायब हो गया। यों इसकी शुरुआत 2011 में ही प्रारंभिक परीक्षा (नया नाम: अभिक्षमता परीक्षण उर्फ एप्टिट्यूट टेस्ट) में कर दी...

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महिला सशक्तीकरण के वास्ते- केपी सिंह

जनसत्ता 8 मार्च, 2013: अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर महिला सशक्तीकरण की बात करना फैशन नहीं, जरूरत है। इक्कीसवीं शताब्दी में भी महिलाएं संविधान-प्रदत्त मूलभूत अधिकारों को पाने के लिए जद्दोजहद कर रही हैं। यह जद्दोजहद नई नहीं, सहस्राब्दियों पुरानी है। मानव-सभ्यता जब पृथ्वी पर पनपने लगी तो पुरुष ने अपनी शारीरिक सामर्थ्य का फायदा उठाते हुए पहला अधिकार स्त्री पर जताया था। महिलाओं के शोषण की कहानी वहीं से शुरू हो...

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यूपी में नई चीनी मिलों की राह नहीं आसान

अवनीश त्यागी, लखनऊ। उत्तर प्रदेश के गन्ना किसानों को राहत पहुंचाने के लिए तैयार नई चीनी नीति निवेशकों को लुभा पाएगी, इसे लेकर शंका जताई जा रही है। मिलों के लिए पेराई को पर्याप्त गन्ने की उपलब्धता और गुणवत्ता पर सवाल उठाए जा रहे हैं। वहीं, गन्ना किसानों की सियासत के उलझाव भी परेशानी का सबब हैं। नई नीति के तहत 24 जिलों में चीनी मिलों के निर्माण के लिए खास...

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जाति की दीवारों से घिरे लोग - ज्यां द्रेज

एक बार मैं रीवा जिले की एक दलित बस्ती में गया। बस्ती की चारों तरफ ऊंची जाति के किसानों के खेत थे और इन किसानों ने बस्ती तक जाने के लिए कोई रास्ता देने से इनकार कर दिया था। बस्ती के अंदर छोटी-छोटी सड़कें थीं, लेकिन ये सड़कें बस्ती के आखिरी छोर पर आकर अचानक खत्म हो जाती थीं। वह बस्ती उस टापू की तरह लग रही थी, जो चारों...

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