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आवास और आजीविका के विस्थापन के ख़िलाफ़ जंतर-मंतर पर विरोध-प्रदर्शन

जनचौक,07 सितम्बर, बुलडोजर राज बंद करो”, “शहरी गरीबों को अधिकार देना होगा”, “बिना पुनर्वास विस्थापन बंद करो”, “जिस जमीन पर बसे हैं, जो ज़मीन सरकारी है, वो ज़मीन हमारी है!” जैसे नारों के साथ कल सैकड़ों छतविहीन, आश्रयहीन, निर्वासित लोग बुलडोजर राज के ख़िलाफ़ जंतर-मंतर पर इकट्ठा हुए। क्या विडंबना है कि आज जब हम समाज के संपन्न लोग देश की कथित आज़ादी के 75वें साल पर अमृत महोत्सव मना रहे हैं,...

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रागी, कोदो जैसे मोटे अनाज की खेती को बचाने की पहल, जिससे किसानों को मिले उनकी उपज का सही दाम

गाँव कनेक्शन, 7 सितम्बर  रागी, बाजरा जैसे मोटे अनाज की खेती के बाद प्रोसेसिंग के पुराने और परंपरागत तरीकों से न ही सही से अनाज निकल पाता है और न ही बाजार में उसका सही दाम मिल पाता है। ऐसे में कृषि विज्ञान केंद्र, उन किसानों और स्वयं सहायता समूह की महिलाओं के लिए मददगार साबित हुआ है जो मोटे अनाज की खेती करते हैं। भारतीय कदन्न अनुसंधान संस्थान के निदेशक...

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80% मिडिल और सेकेंडरी छात्रों को सता रहा परीक्षा का डर, 45% के लिए बॉडी इमेज एक बड़ी चिंता- NCERT सर्वे

दिप्रिंट, 7 सितम्बर भारत में मिडिल और सेकेंडरी स्कूल स्तर पर 80 प्रतिशत से अधिक स्कूली छात्रों के लिए इम्तिहान और उनके नतीजे चिंता का कारण बनते हैं- ये ख़ुलासा राष्ट्रीय शैक्षणिक अनुसंधान तथा प्रशिक्षण परिषद् (एनसीईआरटी) की ओर से कराए गए, अपनी तरह के पहले मानसिक स्वास्थ्य सर्वेक्षण में हुआ है. सर्वे में ये भी पता चला है कि इन स्तरों पर 45 प्रतिशत छात्रों के लिए उनकी बॉडी इमेज...

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भारत को टॉप-3 ग्लोबल इकॉनमी में पहुंचाने के लिए मंत्रालयों के कैपेक्स बढ़ाने पर जोर दे रही मोदी सरकार

दिप्रिंट, 06 सितम्बर केंद्र ने अपने मंत्रालयों और विभागों को फिर से पूंजीगत व्यय बढ़ाने का निर्देश दिया है ताकि न केवल ग्रोथ को बढ़ावा मिले बल्कि अधिक रोजगार सृजित करने में भी मदद मिल सके. दिप्रिंट को मिली जानकारी के मुताबिक यह निर्देश ऐसे समय पर आया है जब राज्यों का पूंजीगत व्यय (कैपेक्स) काफी कम हो गया है. पूंजीगत व्यय पर यह निर्देश कैबिनेट सचिव राजीव गौबा की तरफ से...

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क्या शिमला की कहानी खत्म हो गई है? बेंगलुरू जैसा जाम, पानी की किल्लत, ढहती इमारतें और उमड़ती भीड़

दिप्रिंट, 06 सितम्बर मनोज कुमार काम पर जाने के लिए तैयार ही हो रहे थे कि तभी उनके घर की घंटी बजी. और बस उसके कुछ पलों बाद उनका जीवन हमेशा के लिए बदल गया. दरवाजे के दूसरी तरफ पुलिस थी. बमुश्किल कुछ ही मिनट बीते होंगे, शिमला के 48 साल के इस दुकानदार ने अपना घर खो दिया और खुद को अपनी पत्नी और बच्चों के साथ सड़क के किनारे एक...

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