पूर्वजों ने कहा 'जल ही जीवन है।' हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा 'पानी परमात्मा का प्रसाद है।' इसबार महाराष्ट्र के लातूर, बुंदलेखंड के महोबा में पानी रेलगाड़ियां तक पहुंचीं। भविष्यवेत्ता ये तक बताते हैं कि आने वाले वक्त में युद्ध भी पानी को लेकर लड़े जाएंगे। तीन हिस्सों में पानी से सराबोर धरती पर पानी को लेकर ही इतनी मारामारी होगी, इस ख्याल से मन व्याकुल हो...
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विवादों के जाल में मछुआरे-- पंकज चतुर्वेदी
पिछले दिनों भारत की दो नौकाओं और कोई दस मछुआरों को पाकिस्तान की समुद्री पुलिस ने पकड़ लिया, कहा गया कि वे उनके देश की सीमा में घुस आए थे। उसके दो दिन बाद ही कच्छ में बीएसएफ ने पाकिस्तान के अठारह मछुआरे पकड़े। कहा गया कि ये भारतीय सीमा में चौंतीस किलोमीटर भीतर घुस आए थे। पाकिस्तान के थट्टा जिले के शाहपुर ब्लाक के चचा जानखां गांव के इन...
More »सरकारी अस्पतालों में गुम होकर रह गया है दर्द का रिश्ता - डॉ. मुरलीधर चांदनीवाला
शिक्षा और स्वास्थ्य, ये दो ऐसे क्षेत्र हैं, जिनमें सरकार के लाख प्रयासों के बावजूद स्थिति सुधरती नजर नहीं आती। सुधरेगी भी कैसे, जबकि शासकीय व्यवस्था का वही लापरवाह ढर्रा कायम हो और कर्मचारियों में अपने कर्तव्य का पूर्ण ईमानदारी से निर्वहन का कोई भाव नजर न आता हो। प्रदेश के सबसे बड़े शासकीय अस्पताल एमवाय में घोर लापरवाही की वजह से दो दिन में दो मासूम जिंदगियों के मौत...
More »सूखी वनस्पतियों का निस्तारण-- भरत झुनझुनवाला
उत्तराखंड के जंगलों में आग का तांडव जारी है. छिटपुट वर्षा से कुछ दिनों के लिए आग बुझ जाती है, परंतु फिर जंगल जलने लगते हैं. मूल समस्या सूखी पत्तियों एवं टहनियों के निस्तारण की है. पेड़ों की पत्तियां और घास जमीन पर जमा हो जाती हैं. ऊपरी क्षेत्रों में वर्षा होती रहती है या ठंड के कारण ये पदार्थ सूखते नहीं हैं. इनकी मोटी परत जमी रहती है और...
More »किसके सपने-- कृष्णप्रताप सिंह
अरसा पहले एक गीत में एक बच्चा अपनी मां से कहता था कि वह गोली चलाना सीखेगा, क्योंकि उसे लीडर नहीं, फौजी अफसर बनना है! कई बार इस गीत को युवा पीढ़ी के अराजनीतिकरण की ‘गर्हित' कोशिशों से भी जोड़ा जाता था। लेकिन अब कोई टॉपर फौजी अफसर बनने की इच्छा भी नहीं दर्शाता। अगर कभी उसके सपनों में समाज सेवा शामिल होती है तो वह एनजीओ है जिसमें बदले...
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