हां मौजूद 20 में से 18 शिक्षकों की राय यह थी कि शारीरिक दंड बच्चों को सिखाने के लिए अनिवार्य है। उनमें से एक शिक्षक ने तो इसे समान अनुभूति रखने वाले दंड के तौर पर पेश किया। यह विचार-विमर्श हम इसलिए कर रहे थे, ताकि जान सकें कि बच्चों को शारीरिक दंड देने को सरकार द्वारा गैर-कानूनी बनाए जाने के बाद तस्वीर कितनी बदली है? मौजूद शिक्षकों में से...
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बस्तर में कश्मीर जैसे हालात, बन गई गृहयुद्ध जैसी स्थिति
रायपुर। सर्व आदिवासी समाज ने बस्तर आईजी एसआरपी कल्लूरी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। समाज ने आईजी कल्लूरी को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने की मांग की। बर्खास्त नहीं करने की स्थिति में सर्व आदिवासी समाज ने कोर्ट जाने की धमकी भी दी। पूर्व केंद्रीय मंत्री अरविंद नेताम ने कहा कि बस्तर की सभी घटनाओं के पीछे कल्लूरी हैं और कल्लूरी के पीछे सरकार है। यही हालात रहा तो बस्तर...
More »ग्लोबल वार्मिंग के खिलाफ खड़ा एक गांव-- पंकज चतुर्वेदी
एक छोटा-सा गांव, जिसकी आजीविका और अर्थव्यवस्था पर्यटन से चलती हो, उसने पर्यावरण के खतरे को महसूस किया। उसने मान लिया कि प्रकृति है, तभी उसका जीवन है, और इसके लिए जरूरी है कि जीवनशैली सुधारी जाए। यह है सिक्किम से 125 किलोमीटर दूर उत्तरी सिक्किम का गांव लाचेन। गांव ने तय किया है कि अब वहां न बोतल में बंद पानी आएगा, न प्लास्टिक या थर्मोकोल के डिस्पोजेबल बर्तन।...
More »दलाली ऐसी कि जाती ही नहीं-- अनिल रघुराज
अपने समाज में हर तरफ दलाली का बोलबाला है. जिधर भी देखिये, दलाल ही दलाल. पेशे की दलाली को छोड़ दीजिये. अब तो हर पेशे में दलालों ने ठौर बना लिया है. जो जितना बड़ा दलाल है, वह उतना ही रसूख और दौलत वाला है. लेकिन, किसी को गलती से भी दलाल कह दो, तो उखड़ कर आपको जाने क्या-क्या कह डालता है. कारण, दलाली के लिए छवि का बड़ा...
More »आत्महत्या करने वाले दलित शख्स को 1991 में दिया गया था ‘गांव निकाला’
गुजरात में प्रभात परमार नाम के एक दलित शख्स ने सोमवार (17 अक्टूबर) को आत्महत्या कर ली। परमार ने एक विरोध प्रदर्शन के दौरान आत्महत्या की थी। वह प्रदर्शन गुजरात के जूनागढ़ जिले के डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर के दफ्तर के बाहर हो रहा था। प्रदर्शन के वक्त परमार, जिगनेश राठौड और चांदू परमार नाम के शख्स ने जहर खा लिया था। उसके बाद हॉस्पिटल में परमार की मौत हो गई। हालांकि,...
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