चम्बा, जागरण कार्यालय: पहाड़ का कुदरती रूप से उगने वाला फल चुलू ग्रामीणों की आर्थिकी का जरिया बन सकता है। इसकी बहुउपयोगिता को देखते हुए गोविन्द बल्लभ पंत कृषि विश्वविद्यालय रानीचौरी के वैज्ञानिक इसके व्यावसायिक उपयोग पर जोर दे रहे है। इसके तहत ग्रामीणों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। चुलू अर्थात जंगली खुमानी जिसके पेड़ गांवों में कुदरती रूप से उगते आए हैं। गोविंद बल्लभ पंत कृषि एंव प्रौद्योगिकी...
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अधूरी तैयारियां - उपेंद्र प्रसाद
आखिरकार खाद्य सुरक्षा कानून अब हकीकत बनने जा रहा है। आजादी के बाद का संभवतः यह सबसे महत्वाकांक्षी कानून है, जिसका उद्देश्य देश के लोगों को भोजन उपलब्ध होने की गारंटी प्रदान करना है। इसके दायरे में ग्रामीण इलाके की 75 फीसदी और शहरी इलाके की 50 फीसदी आबादी रखी गई है और मान लिया गया है कि जिनको दायरे में नहीं रखा गया है, वे अपनी खाद्य सुरक्षा करने में...
More »यूपी में 'मनरेगा' हाथी खा जाता हैः राहुल गांधी
कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) की राशि में खुली लूट का आरोप लगाते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में केंद्र से आया पैसा जनता तक नहीं पहुंच रहा है। गांधी ने गांधी मैदान में कहा कि राज्य में मायावती के नेतृत्व वाली बसपा सरकार मनरेगा पैसे को पार्क और स्मारक बनाने में खर्च कर रही है। मायावती ने पार्कों में अपनी पार्टी के चुनाव...
More »अमीरी रेखा की जरूरत- सुनील
जनसत्ता 12 दिसंबर, 2011 : कुछ माह पहले जब योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया ने सर्वोच्च न्यायालय में हलफनामा दिया कि शहरों में बत्तीस रु. और गांवों में छब्बीस रु. प्रतिदिन खर्च करने वालों को गरीबी रेखा से ऊपर माना जाएगा, तो देश के संभ्रांत पढ़े-लिखे लोगों में और मीडिया में खलबली मच गई। अहलूवालिया से लेकर जयराम रमेश तक को सफाई में बयान देने पडे। उन्होंने यह...
More »कथा बीपीएल-क्लब की - ज्यां द्रेज
झारखंड के लातेहार जिले के डबलू सिंह के परिवार की दुर्दशा वर्तमान खाद्य-नीतियों की विसंगतियों को जितनी मार्मिकता से उजागर करती है उतनी शायद कोई और बात नहीं करती। जीविका के लिए मुख्य रुप से दिहाड़ी मजदूरी पर निर्भर आदिवासी युवक डबलू, तकरीबन दो साल पहले, काम करते वक्त छत से गिर पडा और उसकी रीढ़ की हड्डी टूट गई। जीवनभर के लिए अपंग हो चुके डबलू को हर वक्त...
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