भारत के संविधान में गांव की कोई परिभाषा नहीं है. जब गांव ही नहीं है, तो ग्राम गणराज्य भी नहीं है. यह बड़ा विरोधाभास है. महात्मा गांधी गांव गणराज्य की बात करते थे. वे आजादी का असली अर्थ गांवों की समरसता, आत्मनिर्भरता और लोकतंत्र में जन भागीदारी को मानते थे. देश आजाद हुआ और गणतंत्र भारत के लिए अपना संविधान बना, लेकिन इसमें गांव की परिकल्पना शामिल नहीं हो सकी. सब ने...
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कमजोर लोकपाल, जांच एजेंसियां तक नहीं सुनती
झारखंड में नौ साल पहले ही लोकायुक्त का गठन हो चुका है. इसके बावजूद भ्रष्टाचार के मामले में लिप्त लोगों में कोई भय नहीं है. कमजोर लोकपाल होने के कारण झारखंड में यह असरहीन हो गया है. लोकपाल इतना कमजोर है कि जांच एजेंसियां भी लोकायुक्त की बात को नहीं सुनती. इसलिए झारखंड को एक मजबूत लोकपाल चाहिए. रांची: झारखंड में लोकायुक्त के पास भ्रष्टाचार के 815 मामले लंबित हैं. हर साल लगभग...
More »नई फसल के गेहूं निर्यात सौदे कम भाव पर
270 डॉलर प्रति टन पर सौदे हो रहे हैं अप्रैल-मई डिलीवरी गेहूं के 281.30 डॉलर प्रति टन तक का उच्च मूल्य मिला मौजूदा निर्यात में रबी गेहूं की नई फसल के निर्यात सौदे अप्रैल-मई डिलीवरी 270 डॉलर प्रति टन की दर से हुए हैं। नई फसल के गेहूं का निर्यात भाव मौजूदा मूल्य से कम है। सार्वजनिक कंपनियों द्वारा इस समय निर्यात सौदे...
More »रबी में फसलों की बेहतर बुवाई से पैदावार बढऩे का अनुमान
फायदा : मौसम अनुकूल रहने से भी फसलों को मिलेगा फायदा चालू रबी में गेहूं, चना और सरसों के बुवाई क्षेत्रफल में हुई बढ़ोतरी से इनकी पैदावार बढऩे का अनुमान है। कृषि मंत्रालय के अनुसार चालू रबी में फसलों की कुल बुवाई बढ़कर 619.04 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जो पिछले साल की समान अवधि के 587.01 लाख हैक्टेयर से ज्यादा...
More »वैश्विक खाद्य महंगाई दर में आई गिरावट
प्रेट्र : नई दिल्ली... बीते साल 2013 के दौरान खाद्य तेल, चीनी और अनाज की बेहतर सप्लाई होने की वजह से विश्व बाजार में इन वस्तुओं के दाम कम रहे। संयुक्त राष्ट्र के फूड एंड एग्रीकल्चर ऑर्गनाइजेशन (एफएओ) के अनुसार इससे वैश्विक महंगाई में 1.6 फीसदी की कमी दर्ज की गई। पिछले पूरे वर्ष 2013 के दौरान एफएओ का इंडेक्स औसतन 209.9...
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