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अब निरक्षर महिलाओं को भी मिलेगा टैबलेट

पटना : ग्रामीण क्षेत्र में रहनेवाली सभी महिलाओं को राज्य सरकार टैबलेट देगी. चाहे महिला निरक्षर हो या साक्षर. टैबलेट का उपयोग कैसे किया जायेगा, इसके लिए प्रशिक्षण दिया जायेगा. सूचना एवं प्रावैधिकी विभाग ने इसका प्रस्ताव योजना प्राधिकृत समिति को दिया है. समिति से सहमति मिलने के बाद राज्य की तीन करोड़ महिलाओं को टैबलेट  दिया जायेगा. इस योजना में 7525 करोड़ रुपये खर्च होंगे. हर ग्रामीण परिवार की एक महिला...

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अब असम को भी आलू भेजेगा बंगाल

कोलकाता: ओड़िशा के बाद अब राज्य सरकार ने असम के मुख्यमंत्री तरुण गोगोई के आवेदन को भी स्वीकार लिया है. राज्य सरकार की ओर से असम सरकार को आलू के बीज दिये जायेंगे. यह जानकारी शनिवार को राज्य के कृषि विभाग के वरिष्ठ अधिकारी ने दी.   उन्होंने बताया कि असम सरकार ने बंगाल से आलू के बीज की मांग की थी, जिसे मुख्यमंत्री ने स्वीकार कर लिया है. फिलहाल वहां पांच हजार मैट्रिक...

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भारतीय किसान विदेशी जमीन पर उगा रहे सोना

काला सागर के किनारे स्थित जॉजिर्या कभी सोवियत संघ का हिस्सा था. अब वहां भारतीय किसान अपनी मेहनत से खेतों में सोना उगा रहे हैं. इनमें से अधिकतर पंजाब के हैं. जॉजिर्या सरकार कृषि में निवेश बढ़ाने के लिए विदेशियों को अपने यहां न्योता दे रही है. जमीनें सस्ती दरों पर उपलब्ध हैं, जिन्हें भारतीय किसान खरीद रहे हैं. लेकिन, स्थानीय किसान इसका विरोध भी कर रहे हैं.  जॉजिर्या की राजधानी...

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पंचायत की शक्ति छीनने पर अड़े कृषि मंत्री- शकील अख्तर

रांची : कृषि मंत्री योगेंद्र साव पंचायतों को दी गयी शक्तियां वापस लेना चाहते हैं. वह भूमि संरक्षण योजना के तहत जिला परिषदों को दिये गये 33 करोड़ रुपये वापस विभाग में लाने पर अड़े हैं. इसके लिए उन्होंने कानूनी राय मांगी है. यह मामला पंचायती राज विभाग के पास विचाराधीन है. पहले विभाग ही कराता था काम : पंचायती राज संस्थाओं को दी गयी शक्तियों पर अमल करने के लिए कृषि विभाग...

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तेलंगाना की तस्वीर- विनय सुल्तान

जनसत्ता 16 नवंबर, 2013 :  तेलंगाना की सात दिन की यात्रा से पहले मेरे लिए तेलंगाना का मतलब था आंदोलनकारी छात्र, लाठीचार्ज, आगजनी, आत्मदाह, रवि नारायण रेड्डी और नक्सलबाड़ी आंदोलन। संसद के शीतकालीन सत्र में तेलंगाना के दस जिलों की साढ़े तीन करोड़ आबादी का मुस्तकबिल लिखा जाना है। मेरे लिए यह सबसे सुनहरा मौका था वहां के लोगों के अनुभवों और उम्मीदों को समझने का। पृथक राज्यों की मांग के पीछे...

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