पटना: एसएचजी यानी स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त करने के लिए उन्हें चार प्रतिशत की ब्याज दर पर कर्ज मिलेगा. वर्तमान में सात प्रतिशत पर कर्ज मिलता है. अतिरिक्त तीन प्रतिशत राशि राज्य सरकार अपने खजाने से बैंकों को सूद के रूप में देगी. लोक सेवा का अधिकार कानून, 2011 में संशोधन करते हुए कुछेक सेवाओं में तत्काल सेवा तो कुछ की समय सीमा...
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भारत का 'चुप्पा' विकास जो किसी को नहीं दिखा
उस वक्त को गुजरे ज़्यादा दिन नहीं हुए जब भारत के सबसे ग़रीब ज़िलों में बुनियादी सुविधाएं बहुत कम और विरल थीं. ज़्यादातर लोग अपने हालात के भरोसे थे. इनमें से कुछ लोगों को भरे-पूरे प्राकृतिक वातावरण का संग-साथ हासिल था और शायद उनकी जिन्दगी में वह आज़ादी और उत्साह भी था जो आज खो गया है. लेकिन अन्य बहुत से लोग भूख, असुरक्षा और शोषण के साये में रहते थे...
More »सात-आठ मीटर की गहराई तक निकाला जाता है बालू
2011 में महाराष्ट्र उच्च न्यायालय ने नदियों के खनन के खिलाफ आदेश जारी किया. उस आदेश के मुताबिक नदियों से दो मीटर से ज्यादा बालू निकालने की इजाजत नहीं है. पर बिहार की नदियों से 7-8 मीटर की गहराई तक बालू निकाली जाती रही है. बिहार नदियों का प्रदेश रहा है. नदियों ने यहां के लोगों को पाला-पोसा है. लोगों के जीवन से घुली-मिली रही हैं. फिर क्या वजह है कि...
More »इंदिरा आवास का बिजली बिल 62 हजार,जनता दरबार में पहुंचा मामला
पटना: औरंगाबाद से आये चरित्र यादव ने जनता दरबार कार्यक्रम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को बताया कि उन्होंने इंदिरा आवास योजना से मकान बनवाया है. घर में सिर्फ एक बल्ब जलता है. एक साल में बिजली विभाग ने 62 हजार का बिल भेज दिया है. गरीब आदमी हैं, इस बिल का भुगतान कैसे कर सकते हैं. इस मामले को लेकर वे यहां छह बार आये हैं. पहली बार मुख्यमंत्री से...
More »जब बालू की रॉयल्टी से सुधरी पंचायतों की सूरत
बालू खनन के जरिये पंचायतों को रायल्टी देने का प्रावधान पहले भी था. खनिज विभाग की नियमावली के तहत बालू घाटों का प्रबंधन पंचायतों के जरिये करवाने की व्यवस्था थी. मगर व्यावहारिक तौर पर इस प्रावधान का इस्तेमाल कम ही हो पाता था. उसी दौर में धनबाद के दस पंचायतों में ऐसा ही एक प्रयोग हुआ जिसमें पंचायतों के जरिये बालू घाटों का प्रबंधन किया गया और इस काम की वजह...
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