आज के भारत भाग्य विधाता मानें या नहीं, अन्न उत्पादन के मामले में भारत का आत्मनिर्भर बन जाना, बीसवीं सदी की सबसे बड़ी घटनाओं और हमारी राष्ट्रीय उपलब्धियों में से है. लेकिन, कम लोगों को याद होगा कि हरित क्रांति के जनक नॉर्मन बोरलॉग ने नोबेल पुरस्कार ग्रहण करते वक्त भाषण में दो बातें कही थीं. पहला, हरित क्रांति अमरता की बूंदें पी कर नहीं आयी. इसका भी किसी दिन...
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पचास रुपए दिन की मजदूरी करने वाला झारखंड का ये किसान अब साल में कमाता है 50 लाख रुपए
रांची(झारखंड)। किसान गंसू महतो एक समय 50 रुपए दिहाड़ी की मजदूरी के लिए घर से 25 किलोमीटर दूर जाते थे, लेकिन अपनी सूझबूझ से इन्होंने अपनी 9 एकड़ जमीन को बंजर से उपजाऊ बनाया और अब सालाना 50 लाख रुपए की आमदनी ले रहे हैं।किसान गंसू महतो (40 वर्ष) ने बताया, "पिछले साल एक एकड़ खेत में जलबेरा के फूल 35 लाख रुपए के बेचे और 8 एकड़ खेत की...
More »किसानों की हालत बदलनी होगी-- प्रो. योगेन्द्र यादव
पिछले दिनों एक उद्योगपति ने किसानों के बारे में बड़ी चौंकानेवाली बात कही. एक जमाने में इन्फोसिस की संस्थापक टीम के सदस्य रहे और आजकल भारतीय जनता पार्टी के नजदीक समझे जानेवाले उद्योगपति मोहनदास पई ने कहा कि देश में सिर्फ 16 प्रतिशत किसान हैं. उन्हें सिर्फ संख्या से मतलब नहीं था. वह एक राजनीतिक बात कह रहे थे कि देश में इतने छोटे से वर्ग को नाना प्रकार...
More »झारखंड और महाराष्ट्र में चार लोगों की पीट-पीटकर हत्या
रांची/औरंगाबाद: झारखंड में मवेशी चोरी के आरोप में दो लोगों की पीट-पीट कर हत्या कर दी गई है. यह घटना गोड्डा ज़िले के देवटांड़ थाना क्षेत्र के बनकट्टी गांव की है. वहीं महाराष्ट्र के औरंगाबाद में सोशल मीडिया पर फैलाए जा रहे फ़र्ज़ी मैसेज पर यकीन करके भीड़ द्वारा दो लोगों की पीट-पीटकर हत्या कर दिए जाने का एक और मामला सामने आया है. द वायर पर प्रकाशित इस कथा को...
More »पलायन का दर्द : न नरेगा ने रोका और न रोक पा रही मनरेगा..
दरभंगा : मलमास में कोई शुभ कार्य नहीं होता. यात्रा से भी परहेज का विधान है, लेकिन पेट की आग ने मिथिला क्षेत्र के मजदूरों को इस विधान व परंपरा को तोड़ने के लिए विवश कर दिया है. रोजी-रोटी की जुगाड़ में मिथिला के मजदूर इन दिनों पंजाब व हरियाणा जा रहे हैं. अपने गांव में काम मिल नहीं रहा. न तो मनरेगा से रोजगार मिल रहा है और न...
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