न संसद में चर्चा हुई,न रोजगार गारंटी परिषद में बात और न ही सरकार ने किसी मंच पर इसका जिक्र किया, एकदम गुपचुप दलितों के हाथ से नरेगा के लाभ छीन लिए गए। केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (नरेगा) में २२ जुलाई को दलित विरोधी संशोधन किया । संशोधन के विरोध में राष्ट्रव्यापी प्रतिक्रिया हुई है तो अब केंद्र सरकार की तरफ से एक स्पष्टीकरण जारी किया...
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उत्तराखंड की बांध परियोजनाएं-किसको क्या मिला?
नये राज्यों के गठन के पीछे एक तर्क उनके आर्थिक विकास का दिया जाता है। छत्तीसगढ़ और झारखंड के साथ-साथ उत्तराखंड का गठन नये राज्य के रुप में हुआ तो जातीय पहचान के साथ-साथ इन राज्यों के आर्थिक विकास का भी तर्क दिया गया था। उत्तराखंड को अस्तित्व में आये अब तकरीबन नौ साल पूरे हो रहे हैं। चिपको आंदोलन समेत कई जनआंदोलनों की जन्मभूमि रहे उत्तराखंड में फिलहाल बांध...
More »पूरा गांव अंधेरे में, पर मंत्री का घर रोशन
दमोह/हटा. बिल न भरने के कारण कृषि मंत्री डॉ.रामकृष्ण कुसमरिया के गृह गांव सकौर की बिजली कटी है, लेकिन मंत्री का घर रोशन है। इसके लिए बिजली विभाग द्वारा अलग से ट्रांसफार्मर लगाया गया है। ट्रांसफार्मर को लेकर मंत्री और विभागीय अफसरों के कथनों में विरोधाभास है। श्री कुसमारिया का कहना है कि उन्होंने निजी खर्च से यह ट्रांसफार्मर लगवाया है वहीं बिजली विभाग के अफसर कहते हैं कि यह...
More »महू की सारी जमीन केंद्र की नहीं
इंदौर-जबलपुर. मप्र हाई कोर्ट जबलपुर के फैसले से महू की जनता को राहत मिल गई है। चीफ जस्टिस ए.के. पटनायक व जस्टिस के.के. लाहोटी की युगल पीठ ने अपने फैसले में महू की सारी जमीन केंद्र की नहीं मानी। होलकर स्टेट या मध्यभारत राज्य द्वारा रक्षा के उद्देश्य से मिल्रिटी को जितनी जमीन दी गई, संविधान लागू होने के बाद से कानूनन उतनी ही जमीन केंद्र की हो सकती है...
More »बेशुमार जुगनुओं की जरूरत
दुनिया वित्तीय संकट के भंवर में फंसी है. मगर भारत की हालत फिर भी कई अर्थव्यवस्थाओं से बेहतर है. क्या है इसकी वजह? कैसा हो आगे का रास्ता? अरूण मायरा का आलेख नियाभर में फैल चुका आर्थिक संकट अमेरिका में घर बनाने के लिए दिए गए बेहिसाब कर्ज के डूबने से शुरू हुआ. वहां के वित्तीय संस्थानों ने अपना व्यापार बढ़ाने के लिए पहले तो बिना सोचे-समझे कर्ज दिया. इसके बाद...
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