अर्थ विशेषज्ञ यह कह रहे हैं कि भारतीय अर्थव्यवस्था को मंदी के जोखिम से बचाने के लिए राष्ट्रीय बचत दर में सुधार करना होगा। यह माना जाता है कि 2008 की वैश्विक मंदी का भारत पर कम असर होने के पीछे भारतीयों की घरेलू बचत महत्वपूर्ण कारण थी। वैसे वित्त मंत्रालय ने भी संकेत दिए हैं कि सरकार घरेलू बचत बढ़ाने के लिए कुछ छोटी नई बचत योजनाएं पेश करेगी।...
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विकास के कई मानकों में दुनिया से बहुत पीछे हैं हम
नितिन प्रधान, नई दिल्ली। आर्थिक विकास की ऊंची दर को लेकर भले ही हमारी उम्मीदें बहुत अधिक हों, लेकिन सामाजिक-आर्थिक विकास के मानकों में आज भी भारत की स्थिति बेहद खराब है। खासतौर पर पुरुषों के मुकाबले कामकाजी महिलाओं के अनुपात के मामले में हम दुनिया के कई छोटे देशों से भी पीछे हैं। लोगों को उपलब्ध स्वास्थ्य सुविधाओं के मामले में तो भारत की स्थिति बेहद दयनीय है। वर्ल्ड इकोनॉमिक...
More »रोजगार गारंटी का क्या विकल्प? - डॉ. भरत झुनझुनवाला
इसमें कोई संदेह नहीं कि मनरेगा के कारण गरीबों को बड़ी राहत मिली है। मनरेगा के लागू होने के बाद दो वर्षों के अंदर खेत मजदूरों की दिहाड़ी 120 रुपए से बढ़कर 250 हो गई थी। बिहार के श्रमिकों ने पंजाब जाना कम कर दिया था, क्योंकि उन्हें घर के पास रोजगार मिल रहा था, चाहे वह सीमित मात्रा में ही क्यों न हो। इस कार्यक्रम पर अब केंद्र सरकार...
More »काली कमाई की पेचीदगियां - संजय कपूर
आखिर देश का काला धन कहां पर है? विदेशों में जमा काले धन को देश में लाने में यूपीए सरकार की नाकामी पर आंदोलन करने वालों ने हमें बताया था कि यह पैसा स्विट्जरलैंड या दूसरे 'टैक्स हेवंस" में जमा है। ये संकेत भी दिए गए थे कि अगर इस रकम को भारत ले आएं तो वह तमाम गरीबी व पिछड़ेपन को दूर कर सकती है। कुछ आंकड़ों के मुताबिक...
More »स्वास्थ्य नीति: 'नौ दिन चले अढाई कोस'-- ज्यां द्रेज
केंद्र में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार बने अब चार महीने से अधिक हो चुके हैं. मोदी ने चुनाव प्रचार में स्वास्थ्य सुविधाओं की बेहतरी का वादा भी किया था. लेकिन स्वास्थ्य के मोर्चे पर मोदी सरकार ने किया क्या है, इसका विस्तृत ब्योरा अभी उपलब्ध नहीं है. अर्थशास्त्री ज्यां द्रेज़ राष्ट्रपति के अभिभाषण, प्रधानमंत्री के संसद में दिए भाषण, लाल किले से प्रधानमंत्री का देश के नाम संदेश और वित्तमंत्री...
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