SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 3035

कामयाब रहा नोटबंदी का मकसद - अरुण जेटली

भारतीय अर्थव्यवस्था के इतिहास में 8 नवंबर, 2016 का दिन बेहद निर्णायक माना जाएगा। यह दिन इस सरकार द्वारा काले धन पर प्रहार की याद दिलाता है। देश की जनता भ्रष्टाचार और काले धन को लेकर 'चलता है वाले रवैये को झेलने पर मजबूर थी और इसकी सबसे ज्यादा मार मध्यवर्ग और समाज के निचले तबके को झेलनी पड़ती थी। यह जनता की लंबे अरसे से आकांक्षा थी कि भ्रष्टाचार...

More »

नोटबंदी: अर्थशास्‍त्री ने तंज मारते हुए लिखा- दूसरे देश ले सकते हैं ये चार सबक

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा पिछले साल लागू की गयी नोटबंदी के पक्ष-विपक्ष में बहसों का दौर अभी थमा नहीं है। पीएम मोदी ने आठ नवंबर 2016 को तत्काल प्रभाव से उसी रात 12 बजे से 500 और 1000 रुपये के पुराने नोटों को बंद करने की घोषणा की थी। नोटबंदी के एक साल पूरे होने पर अमेरिका के टफ्ट्स यूनिवर्सिटी के अर्थशास्त्री भास्कर चक्रवर्ती ने हार्वर्ड बिजनेस रिव्यू में मोदी...

More »

जलवायु परिवर्तन से खतरे में इंसान --- डॉ गोपाल कृष्ण

जलवायु परिवर्तन की समस्या अब मानव सभ्यता के अस्तित्व के लिए बहुत बड़ा संकट बन चुकी है. दुनियाभर में करोड़ों लोग बीमारियों के शिकार हैं, फसलों की उत्पादकता पर नकारात्मक असर हो रहा है और आम जन-जीवन में कई तरह की एलर्जी की अवधि बढ़ती जा रही है. इसके बावजूद विभिन्न देशों ने इस चुनौती को लेकर लापरवाही का ही नहीं, बल्कि इसे नकारने तक की प्रवृत्ति अपनायी हुई है. संयुक्त...

More »

एनिमिया से बचाएगी गेहूं की नई किस्म पूसा बीट 8777

इंदौर, नईदुनिया प्रतिनिधि। भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईएआरआई) इंदौर ने गेहूं की नई वैरायटी ईजाद की है। इसे प्रमाणित करने के लिए सेंट्रल वैरायटी रिलीज कमेटी (सीवीआरसी) में जमा किया गया है। इसे किसानों तक पहुंचने में लगभग एक साल लगेगा। इसकी विशेषता है कि इसमें बीटा कैरोटीन, आयरन, जिंक व प्रोटीन भरपूर मात्रा में है, जो एनिमिया से बचाने के साथ मनुष्यों में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाते हैं।   आईएआरआई के...

More »

सस्ते आयात से दुश्चक्र में किसान-- रमेश कुमार दूबे

हाल ही में जारी अंतरराष्ट्रीय खाद्य नीति शोध संस्थान (आइएफपीआरआइ) के वैश्विक भूख सूचकांक में भारत पिछले साल की तुलना में तीन पायदान नीचे लुढ़क कर सौवें स्थान पर पहुंच गया। रिपोर्ट में इसके लिए सार्वजनिक वितरण प्रणाली और मध्यान्ह भोजन योजना में भ्रष्टाचार को जिम्मेदार ठहराया गया है लेकिन यह नहीं बताया गया है कि सस्ते आयात के कारण खेती घाटे का सौदा बनती जा रही है। गौरतलब है...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close