जिले के पीपलीखेड़ा गांव में रविवार को पंचायत ने तुगलकी फरमान जारी कर नट समाज की महिलाओं के घर से बाहर निकल मेहनत-मजदूरी करने पर रोक लगा दी। इसे न मानने पर सौ कोड़े खाने और एक लाख रुपये का जुर्माना देने का भी एलान किया है। पीपलीखेड़ा में नट जाति के करीब सौ परिवार रहते हैं। आधुनिकता की दौड़ में समाज की पारिवारिक परंपरा कला व करतब को ग्रहण लग...
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शिक्षक नहीं लिख सका गाय पर निबंध
श्रीनगर। बेशक वह गाय पर निबंध की दस पंक्तियां नहीं लिख पाया और न चौथी कक्षा के गणित के सवाल हल कर पाया, लेकिन उसने भरी अदालत में राज्य में आरईटी शिक्षकों की भर्ती में हुए घोटाले और चहेतावाद की पोल जरूर खोल दी। अदालत ने भी इसका कड़ा संज्ञान लिया और राज्य सरकार को एक समिति के गठन का निर्देश देते हुए कहा कि यह उन सभी शिक्षकों का स्क्रीनिंग...
More »जल सत्याग्रह: 29वां दिन घोघलगांव से लौटी पुलिस
ओंकारेश्वर-खंडवा। ग्राम घोघलगांव में शनिवार को ओंकारेश्वर बांध के डूब प्रभावितों का जल सत्याग्रह 29वें दिन भी जारी रहा। पुलिस बल के साथ अफसर भी घोघलगांव पहुंचे और लौट भी गए। घोघलगांव के चारों तरफ पुलिस का जबर्दस्त ढंग से मूवमेंट चल रहा है। चर्चा है कि जल सत्याग्रह करने वालों पर पुलिस कभी भी कार्रवाई कर सकती है। 11 अप्रैल से शुरू हुए जल सत्याग्रह पर पुलिस की खुफिया नजर...
More »कानूनों के जंजाल से घिरी नौकरशाही - जोगिंदर सिंह
मैं हमेशा अचरज में पड़ जाता हूं कि आखिर जिन लोगों के हाथ में सत्ता और अधिकार हैं, वे सिरे से गलत चीजों को दुरुस्त करने के लिए क्यों कुछ नहीं करते? मैं जब स्टूडेंट हुआ करता था, तभी से मैं गुड गवर्नेंस वगैरह के बारे में सुनता आ रहा हूं, लेकिन अफसोस कि तब से लेकर अब तक ज्यादा कुछ नहीं बदला है। दुनिया बदल गई, हालात बदल गए,...
More »इंसान के जमीर की आवाज का जागना - गोपालकृष्ण गांधी
जमीर क्या है? दिल-ओ-दिमाग से भी आगे, एक ऐसे कोने में सिकुड़कर बैठा हुआ एक खयाल, जो कि अकसर खामोश रहता है, आसपास के शोरगुल से कोई ताल्लुक ना रखते हुए, वो अपने खयालों में खोया-खोया रहता है। लेकिन कभी-कभी, वह यकायक उठ खड़ा होता है, अंगड़ाई लेता है और फिर ऐसे बोलता है कि उसकी आवाज को सुनना पड़ता है। किस जुबान में बोलता है जमीर? क्या जिस इंसान में उसका घर...
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