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भद्रलोक की हिंसा का मनोविज्ञान-- हरिराम पांडेय

पश्चिम बंगाल में व्यापक चुनार्वी ंहसा न तो कोई नई बात है और न ही यह कोई अजूबा। बंगाल का भद्रलोक समाज राजनीतिक हिंसा को एक रूमानी रूप देता रहा है। यहां हर दौर में सिर्फ झंडे बदल जाते हैं, जबकि डंडे और उनके काम उसी तरह रहते हैं। कुछ लोग इसे इतिहास से भी जोड़कर देखते हैं। जंगे आजादी के बाद में जब भारत का बंटवारा हुआ, तो जो...

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बिहार व ओड़िशा को मिले विशेष दर्जा : जदयू

पटना : हाल में ओड़िशा में आये फोनी तूफान के बाद वहां के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने विशेष राज्य के दर्जे की मांग उठानी शुरू कर दी है.इस मांग का जदयू ने भी समर्थन किया है. पार्टी के प्रवक्ता और महासचिव केसी त्यागी ने प्रेस बयान जारी करते हुए कहा है कि जदयू ओड़िशा की इस मांग का पूरी तरह से समर्थन करता है. साथ ही उन्होंने बिहार को भी...

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बिहार के स्कूलों में स्थायी शिक्षकों की भर्ती बंद करने की अनुमति

सुप्रीम कोर्ट ने बिहार में नेबरहुड स्कूलिंग के जरिए शिक्षा में प्रगति, बालिकाओं के स्कूल आने में बढ़ोतरी, जन्मदर में भारी कमी को देखते हुए स्थायी शिक्षकों की भर्ती को बंद करने की अनुमति दे दी है। राज्य में नियोजित शिक्षकों की संख्या पांच लाख है जबकि नियमित शिक्षक 60 हजार ही हैं। इस कैडर को सरकार ने डाइंग कैडर कहा है जिसे बंद किया जा रहा है। सरकार ने कहा...

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बिहार: सुप्रीम कोर्ट का नियोजित शिक्षकों के नियमितिकरण, स्थायी शिक्षकों के समान वेतन से इनकार

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को बिहार के करीब चार लाख नियोजित (अनुबंधित) शिक्षकों की सेवाएं नियमित करने से इनकार कर दिया. साथ ही शीर्ष अदालत ने पटना उच्च न्यायालय के उस फैसले को भी दरकिनार कर दिया जिसके कहा गया था कि ये शिक्षक समान कार्य के लिए समान वेतन पाने के पात्र हैं. जस्टिस अभय मनोहर सप्रे और जस्टिस यूयू ललित की पीठ ने 31 अक्टूबर, 2017 के...

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परीक्षा के अंक नहीं हैं जिंदगी का पैमाना- आशुतोष चतुर्वेदी

हाल में बिहार, झारखंड, सीबीएसइ और आइसीएससी बोर्ड के नतीजे आये हैं. साथ ही कई बच्चों के आत्महत्या करने की दुखद खबरें भी आयीं. ऐसी खबरें इसी साल आयीं हों, ऐसा नहीं हैं. ये खबरें साल-दर-साल आ रही हैं. दुर्भाग्य यह है कि अब ऐसी खबरें हमें ज्यादा विचलित नहीं करती हैं. कुछ दिन चर्चा होकर बात खत्म हो जाती है. गंभीर होती जा रही इस समस्या का कोई...

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