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बाल्को दुर्घटना सबसे बड़ी औद्योगिक त्रासदी

रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने कोरबा शहर में भारत एल्युमिनियम कंपनी लिमिटेड (बाल्को) के बिजली संयंत्र में 23 सितम्बर को हुई चिमनी दुर्घटना को राज्य के अब तक के इतिहास की सबसे बड़ी त्रासदी बताया है। राज्य विधानसभा में शुक्रवार को विपक्ष के नेता रवींद्र चौबे द्वारा लाए गए ध्यानाकर्षण प्रस्ताव का जवाब देते हुए श्रम मंत्री चंद्रशेखर साहू ने कहा, ''बाल्को दुर्घटना राज्य के अब तक के इतिहास की सबसे बड़ी औद्योगिक त्रासदी थी लेकिन...

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नौ बाल मजदूर मुक्त, दो फैक्टरी मालिक बंदी

बाहरी दिल्ली, जासं : दिल्ली पुलिस, श्रम विभाग व बचपन बचाओ आंदोलन की संयुक्त टीम ने वजीरपुर जेजे कॉलोनी स्थित फैक्टरियों में छापेमारी कर वहां काम करते नौ बाल मजदूरों को मुक्त कराया। बाद में उन्हें सेवा कुटीर भेज दिया गया। सभी बच्चे समस्तीपुर मधुबनी व मुजफ्फरपुर बिहार के रहने वाले हैं। पुलिस फैक्टरी मालिक मोहम्मद चांद व जावेद को गिरफ्तार कर मामले की जांच कर रही है। उत्तार पश्चिम जिला पुलिस उपायुक्त एनएस बुंदेला ने...

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निर्भर नहीं, आत्मनिर्भर !- मिहिर शाह

राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (नरेगा) क्रांतिकारी जनपक्षधर विकास कार्यक्रमों का वायदा करती है। ग्राम सभा और ग्राम पंचायतों द्वारा उसकी योजना, क्रियान्वयन और जांच-परख से हजारों स्थायी रोजगार पैदा हो सकते हैं। लेकिन नरेगा की लड़ाई बरसों से चले आ रहे एक बुरे अतीत के साथ है। पिछले साठ सालों से ग्रामीण विकास की योजनाएं राज्य की इच्छा और सदाशयता पर ही निर्भर रही हैं। श्रमिकों को दरकिनार करने वाली मशीनों और ठेकेदारों को काम...

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नौ की लकड़ी और नब्बे खर्च

लखनऊ, 21 दिसम्बर : रोडवेज प्रशासन के खेल भी निराले हैं। पहले तो अपने यहां तैयार होने वाली बसों को खारिज किया। फिर वर्कशॉप में 13 से 14 लाख की लागत में बनने वाली एसी बस 27 लाख में खरीदी। अब उन्हीं बसों को नॉन एसी में बदलने के लिए करीब साठ लाख रुपये खर्च किया जा रहा है। अब इससे जनता की गाढ़ी कमाई बेकार जाती रहे तो जाए, अधिकारियों की सेहत पर...

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बाल-अधिकारों के बीस बरस

बाल-अधिकारों के बीस बरस बाल अधिकारों की वैश्विक स्वीकृति से जुड़े कन्वेंशन को दो दशक होने को आये लेकिन दुनिया आज भी बच्चों के लिए इस धरती को एक बेहतर, ज्यादा सुरक्षित और सेहतकारी बनाने के लक्ष्य से बहुत दूर है। इस दिशा में सबसे बड़ी चुनौती दक्षिण एशिया और उप सहारीय अफ्रीका में मौजूद है जहां प्राथमिक स्वास्थ्य सुविधा और शिक्षा का अभाव है और गरीबी,बीमारी,शोषण तथा बच्चों के साथ दुर्व्यवहार की समस्या आज भी गंभीर...

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